कोरोना काल में चुनाव: बड़े होते जा रहे निष्पक्षता से जुड़े सवाल

चुनाव आयोग से न सिर्फ स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने बल्कि यह सुनिश्चित करने की भी अपेक्षा की जाती है कि केंद्र व प्रदेशों में सत्तारूढ़ दलों को सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर अपनी स्थिति मजबूत करने के अनैतिक व अवांछनीय मौके न मिलें. हालांकि कोरोना के दौर में हुए चुनावों में लगातार इस पहलू पर सवाल ही उठे हैं.

यूपी चुनाव: भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की पहली सूची, गोरखपुर से उतरेंगे आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में भाजपा और बसपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. वहीं, पंजाब में कांग्रेस ने भी 86 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है.

ट्विटर ने विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के लिए सूचना संबंधी विभिन्न कदमों की घोषणा की

ट्विटर ने एक बयान में कहा कि ट्विटर के क़दम न केवल उच्च मतदान सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने में भी सहायता करेंगे कि मतदाता पूरे चुनाव चक्र में शामिल हों और इस दौरान उनके पास पूरी जानकारी रहे. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘कू’ ऐप ने भी कहा कि उसने विधानसभा चुनावों में सोशल मीडिया के निष्पक्ष उपयोग के लिए ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ अपनाई है.

पीएम मोदी को ‘जान का ख़तरा’, इससे बड़ा कोई झूठ नहीं हो सकता: नवजोत सिं​ह सिद्धू

वीडियो: पंजाब में विधानसभा चुनाव नज़दीक आने के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के पुराने ‘पंजाब मॉडल’, अरविंद केजरीवाल, प्रधानमंत्री मोदी की रैली समेत विभिन्न मुद्दों पर हमला बोला है. नवजोत सिंह सिद्धू के साथ द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

प्रचार प्रक्रिया में बदलाव चुनाव प्रक्रिया बदलना है, पर क्या चुनाव आयोग को ऐसा करने का हक़ है

चुनाव आयोग का इलेक्ट्राॅनिक व डिजिटल प्रचार पर निर्भरता को विकल्पहीन बनाना न्यायसंगत नहीं है. दूर-दराज़ के कई क्षेत्रों में अब भी बिजली व इंटरनेट का ठीक से पहुंचना बाकी है, ऐसी जगहों के वंचित तबके के मतदाताओं के पास इतना डेटा कैसे होगा कि वे हर पार्टी के नेता के चुनावी भाषण सुन सके? क्या कोरोना के ख़तरे की आड़ में ऐसे सवालों की अनसुनी की जा सकती है?

क्या सिख परंपराओं को सम्मान देने के पीछे भाजपा की उन्हें इस्तेमाल करने की मंशा छिपी है

सिख धर्म को देश की रक्षा से बांधकर और यह कहकर कि गुरुओं का काम देश की रक्षा था, नरेंद्र मोदी आज की अपनी राष्ट्रीय असुरक्षा की राजनीति को ही रेखांकित कर रहे हैं. सावरकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे हिंदू धर्म का राष्ट्रीयकरण करते रहे हैं, वैसे ही वे सिख और बौद्ध धर्म का भी राष्ट्रीयकरण करना चाहते रहे हैं.

पीएम सुरक्षा चूक: जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में पांच सदस्यीय जांच समिति गठित

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनआईए महानिरीक्षक, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) को समिति का सदस्य नियुक्त करते हुए कहा कि सवालों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता.

प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक: कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा गठित समितियों की जांच पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करेगा.

सी-प्लेन की सवारी से बर्लिन स्टेशन तक नरेंद्र मोदी ने कई बार सुरक्षा प्रोटोकॉल को धता बताया है

पंजाब में हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच अवश्य होनी चाहिए, लेकिन यह प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल में उल्लंघन की पहली घटना नहीं है. पूर्व एसपीजी अधिकारियों का कहना है कि आखिरी फैसला नरेंद्र मोदी ही लेते हैं और अक्सर सुरक्षा के तय कार्यक्रमों को अंगूठा दिखा देते हैं.

प्रधानमंत्री का हर विरोध उनकी सुरक्षा के लिए ख़तरा क्यों है

प्रधानमंत्री की ख़ासियत है कि जब-जब वे अप्रिय स्थिति में पड़ते हैं किसी न किसी तरह उनकी जान को ख़तरा पैदा हो जाता है. जब से वे मुख्यमंत्री हुए तब से अब तक कुछ समय के बाद उनकी हत्या की साज़िश की कहानी कही जाने लगती है. लोग गिरफ़्तार किए जाते हैं, पर कुछ साबित नहीं होता. फिर एक रोज़ नए ख़तरे की कहानी सामने आ जाती है.

निर्वाचन आयोग ने सोनू सूद की पंजाब के ‘स्टेट आइकन’ के तौर पर नियुक्ति रद्द की

पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक हस्तियों के साथ अभिनेता की हालिया बैठकों पर कुछ मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान देने के बाद यह निर्णय लिया गया है. सोनू सूद ने कहा कि यह निर्णय मेरे और चुनाव आयोग द्वारा मेरे परिवार के एक सदस्य द्वारा पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के आलोक में लिया गया है.

सुरक्षा चूकः वीडियो दिखाते हैं कि मोदी के काफ़िले के पास प्रदर्शनकारी नहीं भाजपा कार्यकर्ता थे

पंजाब के फ़िरोज़पुर में पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कथित चूक को लेकर भाजपा का आरोप है कि यह उनकी हत्या की साजिश थी. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी वीडियो दिखाता है कि किसान वास्तव में प्रधानमंत्री के काफिले के रुकने की जगह से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर थे.

पंजाब: चेतावनियों के बावजूद सरकारों ने कौड़ियों के भाव पर कंपनियों को तीन सौ एकड़ ज़मीन दी

एक आधिकारिक जांच आयोग ने पाया कि भारती और डेल मोंटे के स्वामित्व वाली फर्म ने लीज़ समझौते का उल्लंघन किया है. इसके अलावा लीज़ को तत्काल रद्द करने की अनुशंसा करने वाली रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा, यूपी में सात चरणों में होंगे मतदान, मतगणना 10 मार्च को

उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण, 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, तीन मार्च का छठे चरण और सात मार्च को सातवें चरण के मतदान होंगे. वहीं मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को तथा उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में वोट डाले जाएंगे.

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक को क्या चुनावी ‘इवेंट’ में बदला जा रहा है

सुरक्षा में चूक को लेकर ख़ुद प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी जिस तरह उसी क्षण से इस घटना को सनसनीखेज़ बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने में लग गए हैं, उससे ज़ाहिर है कि वे घटना की गंभीरता को लेकर कम और उससे मुमकिन चुनावी फायदे के बारे में ज़्यादा गंभीर हैं.

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