सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि यह करोड़ों श्रृद्धालुओं की आस्था से जुड़ा महोत्सव है और सदियों की परंपरा को तोड़ा नहीं जा सकता. इससे पहले कोरोना वायरस के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हमने रथ यात्रा की अनुमति दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ़ नहीं करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के कारण इस साल पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा पर लगाई रोक. ओडिशा के पुरी में 23 जून को जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन होने वाला था.
पूर्वी भारत के प्रसिद्ध मंदिर के मुख्य प्रशासक को संबोधित पत्र में यस बैंक ने कहा कि उसके पास 156 करोड़ रुपये की दो और एफडी हैं, जो इस महीने के अंत तक ट्रांसफर कर दी जाएंगी.
उच्चतम न्यायालय ने जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया था कि वह सभी दर्शनाभिलाषियों, चाहे वे किसी भी धर्म-आस्था को मानने वाले क्यों न हों, को मंदिर में पूजा करने की अनुमति दे. विहिप पुनर्विचार याचिका दाख़िल करेगा.