डेमन गैलगट का उपन्यास ‘द प्रॉमिस’ दक्षिण अफ्रीका के नस्लवादी इतिहास के बीच एक श्वेत परिवार की कहानी पर आधारित है. गैलगट इस पुरस्कार के दावेदारों की अंतिम सूची में तीसरी बार पहुंचे थे. इससे पहले उन्हें 2003 में ‘द गुड डॉक्टर’ और 2010 में ‘इन अ स्ट्रेंज रूम’ के लिए दावेदारों की अंतिम सूची में स्थान मिला था, लेकिन दोनों बार वह जीत नहीं पाए थे.
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय में अपने संबोधन के दौरान यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि टैगोर का रंग अधिक गोरा नहीं होने के कारण उनकी मां और परिवार के कई अन्य सदस्य उन्हें गोद में नहीं लेते थे.
अमेरिका में सदियों से चले आ रहे अश्वेत उत्पीड़न और नस्लीय हिंसा के शिकार हज़ारों अश्वेत पीड़ितों की याद में देश का पहला स्मारक ‘द नेशनल मेमोरियल फॉर पीस एंड जस्टिस’ अलबामा के मॉन्टगोमेरी में पिछले हफ्ते खोला गया.