‘हम दर-दर भटकना नहीं चाहते, हमें बंधुआ मज़दूरी से मुक्ति मिले और हमारा पुनर्वास हो’

पिछले साल 26 और 27 दिसंबर को जम्मू कश्मीर के राजौरी तहसील में स्थित एक ईंट-भट्टे से 91 मज़दूरों को मुक्त कराया गया. इनमें महिला और पुरुषों के अलावा 41 बच्चे भी शामिल हैं. ये सभी छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चापा ज़िले के रहने वाले हैं.