इससे पहले रेल मंत्रालय द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि जिस राज्य से प्रवासी चलेंगे, उस राज्य को जिस राज्य में प्रवासी लौटना चाहते हैं, उसकी सहमति लेनी होगी. रेलवे ने बताया है कि अब तक 1,600 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 21 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है.