पुलिस के मुताबिक, बीते माह राजकोट के टीआरपी गेम ज़ोन में आग लगने की घटना के बाद राजकोट नगर निगम के दो अधिकारियों ने गेम ज़ोन से संबंधित सरकारी दस्तावेजों में कुछ बदलाव किए थे और फर्ज़ी दस्तावेज भी बनाए थे.
गुजरात उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी के कुछ ही घंटों के भीतर गुजरात सरकार हरकत में आ गई और कई अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई आदेश जारी किए हैं.
गुजरात सरकार ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है, जो तीन दिनों में प्राथमिक रिपोर्ट पेश करेगा.
गुजरात के राजकोट से प्रकाशित ‘सौराष्ट्र हेडलाइन’ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कामकाज से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नाराज़गी का ज़िक्र करते हुए उनके ख़िलाफ़ यह संभावित क़दम उठाए जाने का संकेत दिया गया था. साल 2020 में एक गुजराती समाचार पोर्टल के संपादक पर कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव देने वाली रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था.
सेवा अनुबंध के नियमों के अनुसार, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को अपना स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद कम से कम एक वर्ष के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करनी होती है. यदि कोई छात्र प्रवेश लेते समय हस्ताक्षरित अनुबंध को तोड़ना चाहता है, तो उसे 40 लाख रुपये का भुगतान करना होगा.
गुजरात के चार नगर निकायों द्वारा सड़कों पर मांसाहार के स्टॉल/ठेलों आदि पर पाबंदी के बाद भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल ने कहा कि देश में सभी को यह तय करने की आज़ादी है कि उन्हें क्या खाना है. अगर लोग ठेले से मांसाहार खरीद रहे हैं तो उसे हटाना उचित नहीं है. क़ानून में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. लोग कुछ भी बेचने के लिए स्वतंत्र है, बेशक वह वर्जित नहीं हो.
गुजरात के बनासकांठा ज़िले के डीसा शहर का मामला. ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि उनके पास मंगलवार तक ही स्टॉक था और नए स्टॉक का आदेश दिया गया था जो दिन में पहुंचा. इसी बीच ऑक्सीजन की कमी से दो मरीज़ों ने दम तोड़ दिया.
गुजरात के द्वारका ज़िले की घटना. बीते एक दिसंबर को कथित तौर पर पांच लोगों ने एक व्यक्ति का अपहरण कर उसकी पिटाई की थी और फिर निर्वस्त्र कर बाज़ार में घुमाया था. घटना को देखने के बाद भी कुछ पुलिसकर्मियों की ओर से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
गुरुवार को सामने आए राजकोट के सिविल अस्पताल के वीडियो में एक मरीज़ के साथ अस्पताल का स्टाफ बदसलूकी करता दिख रहा है. अस्पताल का कहना है कि ऐसा उसे 'काबू' में करने के लिए किया गया. कोरोना संक्रमित इस मरीज़ की मौत 12 सितंबर को हो चुकी है.
सोमवार को अहमदाबाद में घर लौटने की मांग को लेकर लगभग सौ मज़दूर सड़कों पर उतर आए और पथराव व तोड़-फोड़ की. इससे पहले रविवार को राजकोट में कामगारों ने गृह राज्य भेजने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें एसपी समेत तीन पुलिसकर्मी और एक पत्रकार घायल हुए हैं.
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन और नेशनल हेराल्ड की पत्रकार एश्लिन मैथ्यू के खिलाफ यह एफआईआर गुजरात के राजकोट में दर्ज की गई है.
राजकोट के सिविल अस्पताल में बीते तीन महीनों में 269 बच्चों की मौत हुई, जिसमें सबसे अधिक जानें दिसंबर में गईं. अधिकारियों के मुताबिक इन बच्चों की मौत की वजह अस्पतालों में बच्चों के इलाज की उचित व्यवस्था न होना है.
बीते जून महीने में निचली अदालत ने गोहत्या के लिए गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2017 के तहत राजकोट ज़िले के सलीम मकरानी को दस साल की सज़ा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए सलीम की तुरंत रिहाई का आदेश दिया है.
देश में पहली बार गोकशी पर 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है. दोषी पर बछड़ा चुराने और उसे मारकर अपनी बेटी के शादी समारोह में परोसने का आरोप था.
गुजरात के राजकोट ज़िले का मामला. साल 2018 में दलित आरटीआई कार्यकर्ता नानजीभाई सोंडर्वा की हत्या कर दी गई थी. हत्या का एक आरोपी अदालत के रोक लगाने के बाद भी कथित तौर पर राजकोट ज़िले में नज़र आया था. आरटीआई कार्यकर्ता के बेटे ने अदालत में इसकी शिकायत की थी.