राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदला गया

राष्ट्रपति भवन में दरबार हॉल और अशोक हॉल अब क्रमशः गणतंत्र मंडप और अशोक मंडप के नाम से जाने जाएंगे. दरबार हॉल वह स्थान था जहां स्वतंत्र भारत की पहली सरकार ने सन 1947 में शपथ ली थी.

जी-20 लोगो पर आपत्तियों को ख़ारिज कर राजनाथ बोले, कमल भारत की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 8 नवंबर को ‘जी-20’ समूह के लोगो का अनावरण किया था. इस पर कमल की तस्वीर होने पर विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा पर अपने चुनाव चिह्न को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. भारत एक दिसंबर को ‘जी-20’ के मौजूदा अध्यक्ष इंडोनेशिया से इस समूह की अध्यक्षता ग्रहण करेगा.

केंद्र के ख़िलाफ़ बोलना बंद करने पर मुझे उपराष्‍ट्रपति बनाने के संकेत दिए गए थे: सत्यपाल मलिक

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आयकर विभाग व ईडी द्वारा मारे जा रहे छापों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना पर कहा कि कुछ छापे भाजपा वालों पर भी डलवा दिए जाएं तो यह बात नहीं कही जाएगी. भाजपा में छापे डलवाने लायक बहुत लोग हैं.

‘कर्तव्य पथ’ के रास्ते सरकार ने ख़ुद को देशवासियों के प्रति कर्तव्य से आज़ाद कर लिया है

सरकार हमें बार-बार कह रही है कि देशवासियों ने अपने अधिकारों की दुहाई दे-देकर पिछले 75 साल बर्बाद कर दिए हैं. वक़्त आ गया है कि वे अब राज्य के प्रति अपने कर्तव्य को याद करें. कर्तव्य में बहुत आकर्षण है. गीता की याद दिलाई जा सकती है. कर्तव्य का नाम लेकर लोगों को शर्मिंदा किया जा सकता है.

राजपथ को ग़ुलामी का प्रतीक क्यों समझा गया?

नाम बदलकर बदलाव का भ्रम रचना दरअसल ऐसा करने वालों द्वारा यह स्वीकार लेना है कि उनके पास अपने काम से कोई बदलाव लाने का न बूता बचा है, न विवेक. अन्यथा अब तक वे इतना तो समझ ही गए होते कि ग़ुलामी के प्रतीकों की उनकी समझ कितनी नासमझी भरी है.

क्या नरेंद्र मोदी का ‘कर्तव्य पथ’ उनके अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ने का प्रतीक है

नागरिकों को कर्तव्यपरायण होने के लिए प्रोत्साहित करना तानाशाही शासन का एक प्रमुख अंग है. इसे पहली बार आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी द्वारा लाया गया था. तब से जिन सरकारों ने भी आम लोगों के अधिकारों की अवहेलना की, उन्होंने अक्सर अपने फ़र्ज़ की बजाय नागरिकों के कर्तव्यों के महत्व को ही दोहराया.