लखीमपुर हिंसा: केंद्रीय मंत्री की बर्ख़ास्तगी की मांग पर ‘रेल रोको’ आंदोलन से यातायात प्रभावित

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के संबंध में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने तथा गिरफ़्तार करने की मांग को लेकर किसानों ने ‘रेल रोको’ आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया. लखीमपुर खीरी में मौजूदा हालात को देखते हुए कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने यहां आंदोलन रद्द कर दिया था.

लखीमपुर कांड के सूत्रधार हैं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा: भाजपा नेता का आरोप

उत्तर प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के दिए गए धमकी भरे बयान ने ही आग में घी का काम किया है. 

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफ़ा देने तक लखीमपुर हिंसा की निष्पक्ष जांच संभव नहीं: टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा लखीमपुर खीरी मामले की जांच को प्रभावित कर रहे हैं. जिस तरह से मामले की जांच हो रही है उससे हम पूरी तरह असंतुष्ट हैं. लखीमपुर में बीते तीन अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान कार चढ़ा देने से चार किसानों की मौत हो गई थी. इस मामले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं.

प्रधानमंत्री जी, कृषि क़ानूनों का विरोध अगर ‘राजनीतिक धोखाधड़ी’ है, तो उन पर अड़े रहना क्या है

मोदी सरकार ने किसानों से वार्ताओं के कई दौर चलाए, लेकिन इस शर्त के साथ कि ‘संसद द्वारा पारित’ कृषि क़ानूनों को कतई वापस नहीं लिया जाएगा, क्योंकि इससे संसद की सर्वोच्चता की हेठी हो जाएगी. जैसे कि अब तक जनाक्रोश भड़कने अथवा अनुपयोगी हो जाने पर जिन क़ानूनों को वापस लिया या निरस्त किया जाता रहा है, वे संसद के बजाय प्रधानमंत्री कार्यालय में पारित किए गए थे!

क्या भारत की मिठास का दाम भर रहा है गन्ना किसान?

वीडियो: बीते दिनों केंद्र ने गन्ने का दाम बढ़ाया है. गन्ना किसानों के बकाया, अर्थव्यवस्था और ग्रामीण भारत पर इसके प्रभावों के मुद्दों पर इंद्र शेखर सिंह आईआईएम-अहमदाबाद के प्रोफेसर सुखपाल सिंह से चर्चा कर रहे हैं. साथ ही आगामी यूपी चुनाव के मद्देनज़र राज्य में गन्ने की राजनीति को लेकर भाकियू नेता राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह से बातचीत.

‘संसद निर्माण कार्य देखने जा सकते हैं तो किसानों से मिलने क्यों नहीं आ सकते पीएम मोदी’

वीडियो: संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का आयोजन किया था. द वायर के याक़ूत अली और सिराज अली ने इसी दिन हरियाणा के बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों से बात की.

वे धर्म-जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ध्यान रहे हम एक ही हैं: राकेश टिकैत

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने युवाओं से भूमि, फसल और आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश को युवाओं द्वारा क्रांति की ज़रूरत है.

किसान आंदोलन: भारत बंद को मिला-जुला असर, टिकैत ने कहा- आंदोलन सफ़ल रहा

तीन विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने इस प्रदर्शन के 10 महीने पूरे होने और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के इन क़ानूनों पर मुहर लगाने के एक साल पूरा होने के मौके पर ‘भारत बंद’ का आयोजन किया था.

तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन के 300 दिन पूरे

दिल्ली की सीमाओं पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन की अगुवाई रह रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से देश की खाद्य एवं कृषि प्रणाली पर उद्योग घरानों के क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज करा रहे हैं. उनकी मांगें स्पष्ट हैं, जिसकी जानकारी मोदी सरकार को है और जो हठपूर्वक किसानों की जायज़ मांगों को नहीं मानने पर अड़ी है.

राकेश टिकैत ‘डकैत’ हैं, किसानों का प्रदर्शन ‘सिखिस्तान’ से प्रभावित है: भाजपा सांसद

यूपी के बहराइच से भाजपा सांसद अक्षयवर लाल गोंड ने कहा कि जो लोग कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे किसान नहीं हैं, बल्कि 'सिखिस्तान' और 'पाकिस्तान' समर्थित राजनीतिक दलों के लोग हैं. इससे पहले सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी किसानों के विरोध-प्रदर्शन को 'प्रायोजित' बताया था.

करनाल: किसानों का धरना ख़त्म, लाठीचार्ज मामले के जांच के आदेश, तत्कालीन एसडीएम छुट्टी पर भेजे गए

हरियाणा के करनाल में बीते 28 अगस्त को भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा कैमरे के सामने पुलिस को कथित तौर पर किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देते हुए नज़र आए थे. सिन्हा पर कार्रवाई की मांग को लेकर किसान करनाल ज़िला मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे थे.

हरियाणा सरकार ‘करनाल प्रकरण’ की जांच के लिए तैयार, किसान नेताओं पर भी हो सकती है कार्रवाई: विज

बीते 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज और आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग को लेकर करनाल ज़िला मुख्यालय के बाहर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी को भी जांच के बिना सिर्फ़ इसलिए सूली पर नहीं चढ़ाया जा सकता कि कोई इसकी मांग कर रहा है. 

करनाल के पूर्व एसडीएम पर कार्रवाई को लेकर सचिवालय के बाहर डटे किसान जारी रखेंगे धरना

हरियाणा के करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा कैमरे के सामने पुलिस से कथित तौर पर उनका सिर फोड़ने के लिए कहते हुए नज़र आए थे. किसानों ने कहा कि वे अनिश्चितकालीन धरना जारी रखेंगे. उनका कहना है कि पर्याप्त वीडियो साक्ष्य होने के बावजूद हरियाणा सरकार आईएएस अधिकारी को निलंबित तक करने को तैयार नहीं है, उनके ख़िलाफ़ केवल एक मुक़दमा दर्ज कर छोड़ दिया.

यूपी भाजपा के ट्विटर पेज से कार्टून पोस्ट कर किसान आंदोलनकारियों को दी गई चेतावनी

उत्तर प्रदेश भाजपा के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से 29 जुलाई को एक कार्टून पोस्ट किया गया था. इस कार्टून में एक बाहुबली को एक आंदोलनकारी किसान को प्रदर्शन के लिए लखनऊ न जाने की सलाह देते हुए दिखाया गया है, क्योंकि वहां योगी आदित्यनाथ का शासन है. कार्टून में बाहुबली की बात सुनकर किसान को यह सोचते हुए भी दिखाया गया है कि उसे बाल पकड़कर खींचा जा रहा है. बाल खींचने वाले का हाथ दिखाया गया है, जिसने भगवा

यूपी में किसान आंदोलन होगा तेज़, पांच सितंबर को मुज़फ़्फ़रनगर में महापंचायत से होगी शुरुआत

संयुक्त किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आंदोलन को तेज़ करने के लिए चार चरणों में आंदोलन की योजना बनाई है. पहले चरण में राज्यों में आंदोलन में सक्रिय संगठनों के साथ संपर्क और समन्वय स्थापित किया जाएगा. दूसरे चरण में मंडलवार किसान कन्वेंशन और ज़िलेवार तैयारी बैठक होगी. तीसरे चरण में पांच सितंबर को मुज़फ़्फ़रनगर में किसानों की महापंचायत आयोजित की जाएगी और चौथे चरण में मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत होगी.