इंदिरा गांधी को हिंदुत्व से जोड़ने की कोशिशों का अयोध्या से क्या नाता रहा है?

अपने स्वर्णकाल में भी ‘असुरक्षा’ की शिकार हिंदुत्ववादी जमातों ने डॉ. मनमोहन सिंह को छोड़कर हर कांग्रेसी प्रधानमंत्री को हिंदुत्ववादी क़रार देने या खींच-खांचकर हिंदुत्व के पाले में लाने के प्रयास किया है. इंदिरा गांधी भी इससे अछूती नहीं रही हैं.

अयोध्या: राम मंदिर के अनुष्ठानों का ज़िम्मा पाने वाले रामानंदी संप्रदाय का इतिहास क्या है?

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन सेवा, निमित्त उत्सवों आदि को रामानंदी पद्धति से करना तय किया है. यह संप्रदाय रामभक्ति की विभिन्न धाराओं व शाखाओं के बीच समन्वय, वर्ण-विद्वेष को धता बताने के लिए जाना जाता है, जो बहुलवाद की अनुपस्थिति वाली ट्रस्ट के उलट है.

हज़ारों एनजीओ लाइसेंस रद्द होने के बीच राम मंदिर ट्रस्ट ने एफसीआरए लाइसेंस के लिए आवेदन किया

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए स्थापित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अब तक विदेशी चंदे के लिए आवेदन न करने के क़ानूनी कारण थे, लेकिन अब सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने यह भी बताया है कि ट्रस्ट के कोष में अभी 3,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा हैं.

अयोध्या: एक मस्जिद की भूमि श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को बेचने पर विवाद क्यों हुआ?

निर्माणाधीन राम मंदिर परिसर के पास स्थित ‘मस्जिद बद्र’ की ज़मीन के कथित मुतवल्ली द्वारा इसे तीस लाख रुपये में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेचने के ‘गुपचुप’ एग्रीमेंट और आधी रकम एडवांस लेने पर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि सौदा करने वाले न ही मुतवल्ली हैं, न ही वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति होने के चलते उनके पास इसे बेचने का हक़ है.

अयोध्या: फिर विवादों में क्यों है श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट?

अयोध्या में ज़मीन खरीद-फ़रोख़्त में भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में रह चुकी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर अब हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने गढ़ी की अंगद टीले की भूमि हड़पने के प्रयास करने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

अयोध्या: क्या राम मंदिर की भव्यता छोटे मंदिर और पुजारियों को भारी पड़ रही है?

अयोध्या में राम मंदिर तक पहुंचने के लिए पारंपरिक मार्ग बंद करके नया राम जन्मभूमि पथ खोल दिया गया है, जिसके चलते पारंपरिक मार्ग पर स्थित दर्जन भर मंदिर वीरान से हो गए हैं. श्रद्धालुओं के दान से ही चलने वाले मंदिरों की देख-रेख करने वाले आगामी संकट की संभावना से सशंकित हैं.

क्या भाजपा को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने का हक़ है?

भाजपा नहीं चाहती कि लोग समझें कि अयोध्या में राम मंदिर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस ज़मीन से जुड़े विवाद के निपटारे के फलस्वरूप बन रहा है. वह समझाना चाहती है कि भाजपा, उसकी सरकारों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उसके आनुषंगिक संगठनों ने जी-जान न लगा रखी होती, तो उसका बनना संभव नहीं होता.

‘मस्जिद-ए-अयोध्या’ के तामीर होने में क्या मुश्किलें आ रही हैं?

अयोध्या में एक तरफ राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख़ तय हो रही है, वहीं, धन्नीपुर में मिली वैकल्पिक ज़मीन पर प्रस्तावित 'मस्जिद-ए-अयोध्या' की बस नींव रखी जा सकी है. मस्जिद निर्माण का ज़िम्मा संभाल रहा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नक़्शा पास कराने की जद्दोज़हद और धन की कमी से जूझ रहा है.

अब धर्म, सत्ता, कॉरपोरेट और मीडिया के चार पाटों के बीच पिस रही है अयोध्या

'मुख्यधारा' के मीडिया को अयोध्या से जुड़ी ख़बर तब ही महत्वपूर्ण लगती है, जब किसी तरह की सरकारी दर्पोक्ति या सनसनीखेज़ बयान उससे जुड़ा हो. यह पुलिस उत्पीड़नों या अपराधियों के खेलों की ही अनदेखी नहीं कर रहा, बल्कि उसे हज़ारों घरों, दुकानों, पेड़ों आदि की बलि देकर ‘भव्य’ बनाई जा रही अयोध्या की यह ख़बर देना भी गवारा नहीं कि गरीबों का यह तीर्थ अब जल्दी ही उनकी पहुंच से बाहर होने वाला है.

‘अयोध्या को अयोध्या ही न रहने दिया जाए तो क्या राम यहां रह पाएंगे?’

बीते दिनों अयोध्या के विश्वस्तरीय विकास के सरकारी दावे को ‘थका और बासी तर्क’ क़रार देते हुए शहर के प्रतिष्ठित आध्यात्मिक विचारक आचार्य मिथिलेशनन्दिनी शरण ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अयोध्या के भाजपा सांसद, विधायक आदि को टैग करते हुए लिखा कि बात यहां की सड़कें चौड़ी होने और निम्न-मध्य आय वर्ग के विस्थापित होने की आर्थिक-सामाजिक चिंताओं भर की नहीं है.

अयोध्या का इतिहास अवध के नवाबों और उनकी बेगमों के बग़ैर पूरा नहीं होता

अयोध्या का इतिहास अवध के नवाबों के बग़ैर पूरा नहीं होता. यहां तक कि उनकी बेगमों के बग़ैर भी नहीं. जिस अनूठी तहजीब के कंधों पर इन नवाबों की पालकियां ढोई जाती थीं, उसमें उनकी बेगमें कहीं ज़्यादा आन-बान व शान से मौजूद हैं.

भारत में मुस्लिम या ईसाई के धर्मनिरपेक्ष होने की शर्त है कि वे बहुसंख्यकवादी आग्रह स्वीकार लें

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए नज़ीर के विदाई समारोह में सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि वे धर्मनिरपेक्ष हैं. उनकी नज़र में जस्टिस नज़ीर में धर्मनिरपेक्षता इसलिए थी कि शीर्ष अदालत के बाबरी मस्जिद विवाद में निर्णय देने वाली पीठ में वे एकमात्र मुस्लिम सदस्य थे पर उन्होंने मंदिर बनाने के लिए मस्जिद की ज़मीन को मस्जिद तोड़ने वालों के ही सुपुर्द करने वाले फ़ैसले पर दस्तख़त किए.

यूपी: क्या आने वाले पर्यटकों की आस में अनदेखी का शिकार हो रहे हैं अयोध्यावासी

अगले साल जनवरी में राम मंदिर के खोले जाने की घोषणा के बीच बेघर और बेसहारा अयोध्यावासियों पर यह जनवरी ही भारी पड़ रही है. प्रदेश में सर्दी के क़हर के दौरान नगर निगम के बड़े-बड़े दावों के बीच रैनबसेरे नदारद हैं. जो थोड़ा-बहुत काम कर रहे हैं, वे भी ज़रूरतमंदों की पहुंच से दूर ही हैं.

राजद नेता ने कहा, नफ़रत की ज़मीन पर हो रहा राम मंदिर का निर्माण

बिहार के राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर कहा है कि इस भारत में अब उन्मादियों के राम बचे हैं. अब लोगों के, ग़रीबों के, सबरी की जूठन खाने वाले राम भारत में नहीं, बल्कि पत्थरों के भीतर क़ैद रहेंगे.

यूपी: क्या योगी सरकार में अयोध्या के व्यापारियों की फ़रियाद अनसुनी की जा रही है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अयोध्या विकास प्राधिकरण ने मास्टरप्लान- 2031 के तहत शहर के कई मार्गों को ‘चौड़ाकर भव्यतम स्वरूप’ देने की परियोजना पर काम शुरू किया है. इसके लिए हज़ारों निर्माण, ख़ासतौर पर दुकानें हटाई जानी हैं. ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि उन्हें समुचित मुआवज़ा देकर पुनर्वास किया जाए.

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