श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में स्थित कश्मीर की सबसे बड़ी जामिया मस्जिद में 14 अप्रैल को रमज़ान के महीने के आख़िरी शुक्रवार की नमाज़ अदा की जानी थी, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जम्मू कश्मीर पुलिस सुबह-सुबह ही पहुंचकर मस्जिद ख़ाली करा दी और दरवाज़े पर ताले लगा दिए.
उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस ने बजरंग दल के प्रदर्शन और धमकी के बाद एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा उनकी निजी इमारत में की जा रही सामूहिक तरावीह को रुकवा दिया. क्या अब यह सच नहीं कि मुसलमान या ईसाई का चैन और सुकून तब तक है जब तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठन कुछ और तय न करें? क्या अब उनका जीवन अनिश्चित नहीं हो गया है?