असम सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक शिक्षक से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सभी प्रकार की शालीनता का उदाहरण होने की उम्मीद की जाती है, इसलिए ड्रेस कोड का पालन करना आवश्यक हो गया है. सभी शिक्षकों को भड़कीले न दिखने वाले सादा रंगों के साफ, सभ्य और शालीन कपड़े पहनने होंगे.
असम के शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में बताया कि 1,100 से अधिक स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है और बिजली का कनेक्शन भी तक़रीबन इतने ही स्कूलों में नहीं है. इसके अलावा 2,900 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चलाए जा रहे हैं, जबकि लगभग 4,800 शैक्षणिक संस्थान एक कमरे में संचालित होते हैं.
घटना तेजपुर के गिरिजानंद चौधरी इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल्स साइंसेज की है, जहां असम एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा के लिए पहुंची एक 19 साल की छात्रा को उनके शॉर्ट्स पहनने का हवाला देते हुए सिर्फ फुल पैंट में ही परीक्षा देने की बात कही गई. बाद में संस्थान में लगा एक पर्दा निकालकर छात्रा से उसे पैरों पर लपेटकर परीक्षा देने को कहा गया.