त्रिपुरा के धलाई ज़िले में एक रेप सर्वाइवर ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. यह घटना तब हुई, जब वह अपने साथ हुए बलात्कार के संबंध में बयान दर्ज कराने मजिस्ट्रेट के चेंबर में गई हुई थी. मजिस्ट्रेट द्वारा यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
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गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस समीर दवे की एकल पीठ एक नाबालिग रेप सर्वाइवर के पिता की याचिका सुन रही थी, जिसमें उनकी बेटी के गर्भपात के लिए अनुमति मांगी गई थी. इस दौरान जस्टिस दवे ने कहा कि पहले 14 से 16 लड़कियों की शादी की सामान्य उम्र थी और 17 साल तक वे कम से कम एक बच्चे को जन्म दे देती थीं.
उन्नाव की एक अदालत ने हाल में सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी के पिता द्वारा दायर कथित धोखाधड़ी और जालसाज़ी की आपराधिक शिकायत पर पीड़िता के खिलाफ ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी किया है. इस मामले में भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में उन्नाव में लड़की के अपहरण और बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. पीड़िता उस समय नाबालिग थी.
युवती ने अदालत में दाख़िल अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि वह आठ फरवरी को प्रतापगढ़ ज़िले के अंतू थाने के तत्कालीन एसएचओ प्रवीण कुशवाहा से मिली थीं और उनके साथ हुए बलात्कार को लेकर एफ़आईआर दर्ज करने की अपील की थी, लेकिन एसएचओ ने उन्हें धक्का मारा और जातिसूचक अपशब्द कहते हुए वहां से भगा दिया था.
एक अभिनेत्री ने कोच्चि पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा है कि अभिनेता विजय बाबू ने फिल्मों में रोल दिलाने का वादा देकर कई बार उनका यौन शोषण किया. वहीं, विजय बाबू ने एक फेसबुक लाइव में महिला का नाम उजागर करते हुए कहा कि वह मामले में असल पीड़ित हैं.
योगी सरकार से पूछना चाहिए कि यह बेटियों की सुरक्षा है या छल? जिस मीडिया को पूछना चाहिए उसने तो अखिलेश सरकार के जाने के बाद जंगलराज ख़त्म मान लिया है.
पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि महिला जहां गिरी मिली थी, वहां किसी भी प्रकार के एसिड की मौजूदगी नहीं पाई गई है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाली इस पीड़ित महिला के साथ इससे पहले तीन बार बलात्कार हुआ है और चार बार चेहरे पर तेज़ाब फेंका जा चुका है.
सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई इस महिला का कहना है कि पुलिसकर्मी की अनुचित मांगें न मानने पर उसने मामले को बंद करने के लिए क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की है.
सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को चार सप्ताह के भीतर महिला को तीन लाख रुपये देने का आदेश दिया.
लखनऊ के पास हुए इस दर्दनाक हादसे में पीड़ित महिला के साथ पहले तीन बार बलात्कार हुआ है और तीन बार तेज़ाब फेंका जा चुका है.