कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित मंदिर में रविवार को भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी पहुंचे थे, हमला उसी दौरान हुआ. खालिस्तान समर्थक और भारत द्वारा प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस ने कहा कि उसके समर्थक भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति का विरोध कर रहे थे.
कनाडा में 25 दक्षिण एशियाई समुदाय के सदस्यों ने देश के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को लिखे पत्र में कनाडाई सरकार से दक्षिण एशियाई और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षा देने का आग्रह किया है.
पिछले वर्षों में अदालतें अपने निर्णयों के संदर्भ बिंदु संविधान की जगह धार्मिक ग्रंथों, धर्मशास्त्रों को बना रही हैं. इस तरह हिंदुओं की सार्वजनिक कल्पना को बदला जा रहा है.
धीरेंद्र के. झा की 'गोलवलकर: द मिथ बिहाइंड द मैन, द मैन बिहाइंड द मशीन' साफ़ करती है कि सावरकर के साथ एमएस गोलवलकर को भारतीय फ़ासिज़्म का जनक कहा जा सकता है. इसे पढ़कर हम यह सोचने को बाध्य होते हैं कि क्यों फ़ासिज़्म के इस रूप के प्रति भारत के हिंदुओं में सहिष्णुता है.
जुलाई माह में केंद्र सरकार द्वारा जारी मेमो के बाद राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने पर लगा 52 साल पुराना प्रतिबंध हटा लिया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को बीते 9 जुलाई को केंद्र सरकार ने हटा दिया था. प्रतिबंध हटाने का आदेश सरकारी वेबसाइटों पर तो सार्वजनिक कर दिया गया है, लेकिन इस आदेश को पारित करने वाली फाइल को 'गोपनीय' सूची में डाल दिया गया है.
पुस्तक समीक्षा: धीरेन्द्र के. झा की ‘गांधी का हत्यारा गोड़से' किताब से आरएसएस के उस दुरंगेपन की पहचान अब बहुत आसान हो गई है जिसके तहत कभी वह नाथूराम से पल्ला छुड़ाता है और कभी उसका ‘यशगान’ करने वालों को अपना नया 'आइकाॅन' बना लेता है.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस दौरान इसने कहा कि आरएसएस जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगठन को ग़लत तरीके से देश के प्रतिबंधित संगठनों में रखा गया था, जिसके कारण पांच दशकों तक केंद्र सरकार के कर्मचारी देश की सेवा नहीं कर सके.
वीडियो: मोहन भागवत की संघ परिवार में वर्तमान हैसियत क्या है? क्या संघ भाजपा पर नैतिक लगाम लगाता है या सत्ता के लोभ में मोदी-शाह के पीछे चुपचाप चलता है? वरिष्ठ पत्रकारों- राहुल देव और धीरेंद्र झा से आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्वकाल में ताकतवर विपक्ष द्वारा उनके और उनकी सरकार के विरुद्ध किए जाने वाले विकट हमलों की धार कुंद करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वाजपेयी पर अपनी ओर से हमले प्रायोजित किए थे. आज नरेंद्र मोदी के सामने भी मजबूत विपक्ष है, और संघ प्रमुख मोहन भागवत फिर से वही प्रयोग करने का प्रयास कर रहे हैं.
ख़ुद को आरएसएस कार्यकर्ता बताने वाले बंगाल के एक नेता शांतनु सिन्हा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया था कि भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय महिलाओं के यौन शोषण में 'संलिप्त' हैं. बताया गया है कि शांतनु भाजपा नेता राहुल सिन्हा के संबंधी हैं.
गांधी भारत को धर्मनिरपेक्ष जनतंत्र के रूप में विकसित होते देखना चाहते थे, लेकिन हिंदू राष्ट्र का विचार इसके ख़िलाफ़ था.
कविता में जनतंत्र स्तंभ की सत्रहवीं क़िस्त.
पुस्तक अंश: सावरकर 1934 से नियमित याचिकाएं लगाते रहे थे इस वादे के साथ कि वे राजनीति में जाने के बाद भी क़ानून का हर तरह पालन करते रहेंगे.
वह क़रीब पचपन के थे, जब अंग्रेजों ने मई 1937 में उनके राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से पाबंदियां हटाईं.
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के ‘मिशन 29’ की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बनी वरिष्ठ कांग्रेसी कमल नाथ के प्रभाव वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतने के लिए पार्टी ने ‘दल बदल की राजनीति’ को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया. उनकी विचारधारा एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरित है.