इज़रायली विदेश मंत्रालय के दस्तावेज़ों से पता चलता है कि इज़रायली राजनयिक भारतीय हिंदुत्ववादी दक्षिणपंथियों को 'फासीवादी' समझते थे. साथ ही, वे ऐसा मानते थे कि उनकी विचारधारा मुसलमानों से नफ़रत पर आधारित है, फिर भी उन्होंने दक्षिणपंथियों के साथ सावधानीपूर्वक संबंध बनाए रखे.
लंदन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी की प्रमुख निताशा कौल को कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. कौल का कहना है कि जब वह 23 फरवरी को बेंगलुरु हवाई अड्डे पहुंचीं, तो उन्हें ‘होल्डिंग सेल’ में 24 घंटे रखने के बाद बिना कारण बताए लंदन भेज दिया गया.
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के छात्रों के एक समूह ने मंगलवार रात को राम मंदिर आंदोलन पर आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' की स्क्रीनिंग आयोजित की थी. छात्रों के अनुसार, दोपहर में कुछ 25 लोग परिसर में घुसे और 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए छात्रों को गालियां देना और मारपीट शुरू कर दी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में लोकतांत्रिक प्रतिस्पर्धा का स्वभाव पूरी तरह से बदल गया है. इसका कारण आरएसएस नामक संगठन है. इस कट्टरपंथी, फासीवादी संगठन ने भारत के लगभग सभी संस्थानों पर क़ब्ज़ा कर लिया है. प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग सभी ख़तरे में हैं.
बीते 13 जुलाई को ईटानगर ज़िला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह क़दम समाज में शांति बनाए रखने और समाज के भीतर धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की भावना को कायम रखने के लिए है. होटलों और रेस्तरां के साइनबोर्ड पर ‘बीफ’ शब्द का इस तरह खुला प्रदर्शन समाज के कुछ वर्गों की भावनाओं को आहत कर सकता है और विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकता है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल माह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी, शिक्षा अधिकारियों और भाजपा पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के संबंध में एक बैठक हुई थी. बैठक में मौजूद संघ के सहयोगी संगठनों ने कथित तौर पर यह भी मांग रखी कि रामायण, महाभारत और भगवद् गीता भी स्कूलों में पढ़ाए जाएं.
ह्यूमन राइट्स एंड रिलिजियस फ्रीडम ने जर्नलिज़्म अवार्ड्स-2022 के लिए सांप्रदायिकता और देश में बढ़ रही नफ़रत को द वायर पर अपनी रिपोर्ट्स में दर्ज करने के लिए पत्रकारों- अलीशान जाफरी, इस्मत आरा, नाओमी बार्टन, कौशिक राज और शेहलात मकनून वानी को विभिन्न श्रेणियों में शॉर्टलिस्ट किया है.