पटना साहिब सीट: भाजपा के रविशंकर प्रसाद 2.72 लाख वोटों से आगे, शत्रुघ्न सिन्हा पिछड़े

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: बिहार की राजधानी की पटना साहिब सीट पर कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा और भाजपा के रविशंकर प्रसाद के बीच सीधा मुक़ाबला है. लंबे समय तक भाजपा में रहे सिन्हा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल में हुए थे.

चुनावों में सांप्रदायिक बयानबाज़ी रोकने की शक्ति नहीं है हमारे पास: चुनाव आयोग

सुप्रीम कोर्ट में आयोग ने कहा कि हम सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांग सकते हैं. हमें किसी पार्टी के पहचान को रद्द करने या उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है.

रिश्वत के मामलों से निपटने के लिए चुनाव आयोग में मांगी थी अधिक शक्तियां, केंद्र ने ठुकराया

चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व क़ानून, 1951 में संशोधन करके धारा 58बी शामिल करने की मांग की थी, ताकि राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को रिश्वत देने पर चुनाव को स्थगित या रद्द किया जा सके. लेकिन केंद्र सरकार ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया.

बिहार: नवादा से टिकट कटने पर गिरिराज सिंह ने कहा- मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची

गिरिराज सिंह ने कहा कि मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है क्योंकि बिहार में किसी भी सांसद की सीट नहीं बदली गई है. भाजपा की राज्य इकाई को मुझे बताना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों किया गया.

बिहार: पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा की जगह रविशंकर प्रसाद और बेगुसराय से गिरिराज सिंह को टिकट

बिहार में भाजपा 17, जदयू 17 और लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. साल 2014 में भागलपुर से लोकसभा चुनाव हारने वाले शाहनवाज हुसैन का टिकट काट दिया गया.

क्या केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बालाकोट हमले के सबूत के तौर पर ग़लत ख़बर का हवाला दिया?

14 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सरकार का समर्थन न करने का आरोप लगाते हुए वायुसेना की सफल कार्रवाई के प्रमाण के बतौर एक वीडियो का हवाला दिया था. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल के अनुसार यह वीडियो बालाकोट से संबंधित नहीं है.

यह देश का आख़िरी लोकसभा चुनाव, 2024 में नहीं होंगे चुनाव: साक्षी महाराज

पिछले साल सितंबर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि हम 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने जा रहे हैं और 2019 का चुनाव जीतने के बाद अगले 50 सालों तक कोई भी हमें हटा नहीं पाएगा. यह बात हम घमंड के कारण नहीं बल्कि अपने काम के बल पर बोल रहे हैं.

राष्ट्रवाद की आड़ लेकर सवालों को दबाया जा रहा है

मीडिया का एक बड़ा तबका, जिसका धर्म सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछना होना चाहिए, घुटने टेक चुका है और देश के कुछ सबसे शक्तिशाली लोगों ने चुप्पी ओढ़ ली है, लेकिन आम लोग ऐसा नहीं करने वाले हैं. उनकी आवाज़ ऊंचे तख़्तों पर बैठे लोगों को सुनाई नहीं देती, लेकिन जब वक़्त आता है वे अपना फ़ैसला सुनाते हैं.

लोकसभा में तीन तलाक़ विधेयक पास, कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने किया वॉकआउट

विपक्षी दलों ने विधेयक के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई और उन्हें असंवैधानिक बताया और दावा किया कि इसका वास्तविक उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं करना है बल्कि मुस्लिम पुरुषों को दंडित करना है.

जजों की नियुक्ति: एनजेएसी क़ानून को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज

सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को जजों द्वारा जजों की नियुक्ति की 22 साल पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले एनजेएसी क़ानून, 2014 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित किया था.

संविधान के सुझावों पर ध्यान नहीं देने से अराजकता तेज़ी से बढ़ेगी: मुख्य न्यायाधीश

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि संविधान की बातों पर ध्यान देना हमारे सर्वश्रेष्ठ हित में है और अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा घमंड तेज़ी से अव्यवस्था में तब्दील हो जाएगा.

कॉलेजियम की सिफ़ारिश लौटाने का सरकार का फैसला अभूतपूर्व: न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ

न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने कहा कि ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब कॉलेजियम की सिफ़ारिश वाले नामों को केंद्र द्वारा वापस भेजा गया हो. इसलिए मामले पर और अधिक चर्चा किए जाने की ज़रूरत है.

क्या सरकार को हुज़ूर नहीं जी हुज़ूर जज चाहिए?

सुप्रीम कोर्ट के चार मुख्य न्यायाधीशों और चार पूर्व जजों ने जजों की नियुक्ति पर सरकार के हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई है. ये सभी जज कांग्रेस के महाभियोग के प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर चुके हैं. इनका सवाल है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कॉलेजियम के प्रस्ताव को ठुकराने की अनुमति सरकार को कैसे दे दी?

जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफ़ारिश केंद्र ने कॉलेजियम को लौटाई

जस्टिस केएम जोसेफ की पदोन्नति पर घमासान. कांग्रेस ने पूछा, क्या उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के ख़िलाफ़ फ़ैसले की वजह से उनके नाम को मंज़ूरी नहीं दी गई.