जिला मजिस्ट्रेट को लिखे एक पत्र में त्रिपुरा के ब्रुहापारा बस्ती क्षेत्र के सहायक प्रभारी करणजॉय रियांग ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित ब्रू आदिवासी लोग, जिन्हें जातीय संघर्षों के कारण अपने गृह राज्य मिज़ोरम से भागना पड़ा था, उन्हें अक्टूबर 2022 से भत्ता नहीं मिला है, जिससे वे संकट में हैं.
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अपीलीय बोर्ड ने झुग्गी निवासी एक महिला को पुनर्वास योजना का लाभ देने से इसलिए इनकार कर दिया था कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था. दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पक्षकारों को पुनर्वास योजना का पात्र माने जाने के लिए राशन कार्ड, स्कूल रिकॉर्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड आदि सहित अन्य दस्तावेज़ों को रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति है.
उत्तरी त्रिपुरा ज़िले के कंचनपुर और पानीसागर उपसंभागों में मिज़ोरम से आए ब्रू शरणार्थी सात राहत शिविरों में रह रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें आदेश मिला है कि शिविरों में ठहरे शरणार्थी यदि कहीं और पुनर्वास के लिए राजी नहीं होते हैं तो एक सितंबर से उन्हें दी जाने वाली मुफ़्त राशन आदि जैसी मदद रोक दी जाएगी.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रगति की समीक्षा की गई और ऐसा प्रतीत होता है कि पुनर्वास के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. केवल 500 परिवारों को अभी तक ज़मीन नहीं मिली है और उन सभी को 20 मई तक प्लॉट दिए जाएंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में ब्रू विस्थापित युवा संघ ने पुनर्वास प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के लिए त्रिपुरा की बिप्लब देव सरकार के लापरवाही भरे रवैये को ज़िम्मेदार ठहराया है.
सुप्रीम कोर्ट ने फ़रीदाबाद ज़िले के खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए क़रीब दस हज़ार आवासीय निर्माण हटाने का आदेश दिया है. जंगल की ज़मीन पर अनधिकृत निर्माण को ढहाने के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि उसने बार-बार वन भूमि पर निर्माण को लेकर सवाल उठाया था.
वर्ष 1997 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ब्रू समुदाय के 30 हज़ार से अधिक लोग मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा के कुछ ज़िलों में बस गए थे. त्रिपुरा सरकार ने क़रीब 33,000 ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की है. वहीं, मिज़ोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि तुइरियाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मद्देनज़र उठी ब्रू मतदाताओं के नाम हटाने की मांग की याचिकाएं निर्वाचन आयोग को भेज दी गई हैं.
पर्यावरणीय विशेषज्ञों ने इस बात को लेकर चिंता ज़ाहिर की है कि ऐसा करके सरकार अरावली क्षेत्र में फैले करीब 20,000 एकड़ की वन भूमि को निर्माण कार्यों के लिए खोलना चाहती है.
सुप्रीम कोर्ट ने फ़रीदाबाद नगर निगम से कहा है कि वह इस बात का अध्ययन कर सकता है कि पुनर्वास चाह रहे लोगों के आवेदनों की पड़ताल करने के बाद क्या एक सप्ताह के अंदर अंतरिम आवंटन किया जा सकता है. पीठ ने साफ़ किया कि एक शपथ-पत्र के आधार पर अंतरिम आवंटन किया जा सकता है, जिसमें लिखा हो कि यदि व्यक्ति दस्तावेज़ों की वास्तविकता साबित नहीं कर सका तो उसे ख़ुद परिसर छोड़ना होगा और ऐसा नहीं होने
सुप्रीम कोर्ट ने फ़रीदाबाद ज़िले के खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए क़रीब दस हज़ार आवासीय निर्माण हटाने का आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने कुछ मैरिज हॉल के मालिकों के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि फ़रीदाबाद नगर निगम को क़ानून के अनुसार कार्रवाई जारी रखनी चाहिए और अवैध ढांचों को ध्वस्त करना होगा.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के फ़रीदाबाद ज़िले के खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए क़रीब दस हज़ार आवासीय निर्माण हटाने का आदेश दिया है. बीते 30 जून को बेदख़ली को लेकर महापंचायत के लिए एकत्र हुए लोगों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने फ़रीदाबाद ज़िले के खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए क़रीब दस हज़ार आवासीय निर्माण हटाने का आदेश दिया है, जिसे लेकर यहां महापंचायत होनी थी. इसमें हरियाणा भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी को शामिल होना था, जिन्हें पुलिस ने गांव में प्रवेश करने से रोक दिया.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट तौर पर यह कहने के बावजूद कि खोरी गांव के रहवासियों को बिना पुनर्वास किए बेदख़ल नहीं किया जा सकता, हरियाणा सरकार ने यहां की बस्ती के घरों को तोड़ डाला.
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बसे खोरी गांव को खाली करवाने का निर्देश दिया है. इस संकट के समाधान के लिए ज़रूरी है कि एक संपूर्ण योजना बनाई जाए, जो वन संरक्षण और सामाजिक आवास- दोनों उद्देश्यों को पूरा करती हो.
सुप्रीम कोर्ट ने फ़रीदाबाद ज़िले के खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए क़रीब 10,000 आवासीय निर्माण को हटाने के लिए हरियाणा और फ़रीदाबाद नगर निगम को दिए आदेश दिया है. इस बीच खोरी गांव के एक व्यक्ति की आत्महत्या का माला सामने आया है. परिजनों का कहना है कि मकान टूटने की आशंका से वह मानसिक तनाव में थे.