पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने हाल में संपन्न हुई 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर कहा कि 'सरकार ने खुद अनुमान लगाया था कि 5जी पांच लाख करोड़ का बिकेगा, लेकिन अब इसकी नीलामी डेढ़ लाख करोड़ रुपये में हुई है. तो बाक़ी का पैसा कहां गया?'
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2020 में पंजाब और हरियाणा में रिलायंस जियो के उपभोक्ताओं में काफी कमी आई है. इसके अलावा इसी महीने में जियो एकमात्र ऐसी बड़ी कंपनी रही, जिसके उपभोक्ता कम हुए हैं.
रिलायंस जियो ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को पत्र लिखकर कहा है कि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड उसके ख़िलाफ़ 'द्वेषपूर्ण और नकारात्मक’ अभियान चलाते हुए दावा कर रहे हैं कि जियो नंबर को उनके नेटवर्क पर पोर्ट करना किसान आंदोलन का समर्थन करना होगा.
अमेरिका में बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए एंटी-ट्रस्ट क़ानूनों में बड़े बदलाव किए गए हैं, लेकिन भारत में कॉम्पिटीशन कमीशन ने डेटा और डिजिटल कारोबार क्षेत्र में वर्चस्व के दुरुपयोग की बस संभावना जताई है. डिजिटल एकाधिकार के लिए कोई तय नियम न होने से ऐसी कोई घटना होने के बाद कार्रवाई करना कठिन हो सकता है.
वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज जैसी कंपनियों को लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व यानी एजीआर का भुगतान दूरसंचार विभाग को करना है. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को आगाह किया है कि एजीआर के बकाये की किस्त के भुगतान में चूक की स्थिति में उन पर जुर्माना और ब्याज लगेगा.
इस करार के बाद जियो प्लेटफार्म में छोटे हिस्सेदारों की श्रेणी में फेसबुक की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होगी. इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी तथा फेसबुक की भारत में स्थिति और मजबूत होगी.
एजीआर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन के सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये चुकाने के साथ ही उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई ना किए जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
वोडाफोन आइडिया ने मोबाइल सेवाओं को 42 प्रतिशत तक और एयरटेल ने 50.10 प्रतिशत तक महंगा किया है. इन दोनों कंपनियों की संशोधित दरें तीन दिसंबर से प्रभावी होंगी.
वोडाफोन-आइडिया ने दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल ने 23,045 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के कारण कंपनियों पर स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी जैसी मदों में देनदारी अचानक बढ़ गई है.
केंद्र ने बीते जुलाई में शीर्ष अदालत को बताया था कि एयरटेल पर 21,682.71 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के बकाया थे. इसी तरह वोडाफोन पर 19,823.71 करोड़, रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 16,456.47 करोड़ और सरकारी स्वामित्व वाले बीएसएनएल पर 2,098.72 करोड़ और एमटीएनएल पर 2,537.48 करोड़ रुपये बकाया है.
दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने आरोप लगाया है कि रिलायंस जियो का ये फैसला इंटरकनेक्ट शुल्क (आईयूसी) को नीचे लाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास है.
अनिल अंबानी की क़र्ज़ में डूबी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की सहयोगी कंपनी जीसीएक्स लिमिटेड ने 35 करोड़ डॉलर का भुगतान कर पाने में असफल रहने के बाद यह क़दम उठाया है.
बीएसएनएल के कर्मचारी संगठनों ने कंपनी को संकट से उबारने के लिए सरकार को लिखा पत्र. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि रिलायंस जियो से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनी की आर्थिक सेहत बुरी तरह प्रभावित हुई है.
दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड ने लगाया आरोप.
विभिन्न मांगों को लेकर तीन दिन की हड़ताल पर हैं ऑल इंडिया यूनियंस एंड एसोसिएशंस ऑफ भारत संचार निगम लिमिटेड के कर्मचारी.