राज्यसभा में माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने राज्य सरकारों के समान नागरिक संहिता संबंधी क़ानून बनाने को लेकर प्रश्न किया था. इस पर केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि समान नागरिक संहिता बनाए रखने के प्रयास में राज्यों को उत्तराधिकार, विवाह, तलाक़ जैसे मुद्दों से संबंधित व्यक्तिगत क़ानून बनाने का अधिकार है.
विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को संविधान के ख़िलाफ़ बताते हुए कहा कि इससे देश की विविधता की संस्कृति को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि इससे देश के सामाजिक ताने-बाने को क्षति पहुंचने की आशंका है. उन्होंने भाजपा सदस्य किरोड़ीमल मीणा मीणा से यह निजी विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया.