केरल हाईकोर्ट ने एक व्यावसायिक इमारत को मुस्लिम प्रार्थना स्थल में बदलने की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि राज्य में पूजा स्थलों की संख्या अस्पतालों की संख्या से लगभग 3.5 गुना अधिक है. इसलिए यदि आगे धार्मिक स्थलों को बिना दिशानिर्देश के अनुमति दी गई, तो नागरिकों के रहने के लिए जगह नहीं होगी.