शीर्ष अदालत ने मई 2022 में इसके द्वारा यूपी के कुछ क़ैदियों की सज़ा माफ़ी याचिकाओं पर दिए निर्देश पर कार्रवाई न करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई.
बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के ख़िलाफ़ याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने जो किया, उसके लिए उन्हें सज़ा मिली. सवाल यह है कि क्या वे सज़ा माफ़ी के हक़दार हैं और क्या यह माफ़ी क़ानून के मुताबिक़ दी गई.
बिलक़ीस बानो की वकील द्वारा जारी बयान में उन्होंने गुजरात सरकार से उनके बलात्कार के दोषियों की समयपूर्व रिहाई के फ़ैसले को वापस लेने और बिना डर और शांति से जीने का उनका अधिकार लौटाने की अपील की है. उन्होंने सवाल किया, 'क्या एक औरत को मिले इंसाफ़ का यही अंत है?'
सावरकर ने अपनी किताब '6 गौरवशाली अध्याय' में बलात्कार को राजनीतिक हथियार के तौर पर जायज़ ठहराया था. आज़ाद होने के बाद एक अपराधी ने कहा भी कि उन्हें उनकी राजनीतिक विचारधारा के कारण दंडित किया गया. वे शायद यह कहना चाह रहे हों कि उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया था, मात्र सावरकर की राजनीतिक विचारधारा लागू की थी.
गुजरात सरकार द्वारा इसकी क्षमा नीति के तहत बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार के दोषियों की सज़ा माफ़ होने और रिहाई के बाद बेहद मायूस बिलक़ीस का कहना है कि अब उनके पास न सब्र बचा है और न ही हिम्मत. वे यह लड़ाई हार गई हैं.
गुजरात की बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाने पर लिया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनके 'नारी शक्ति' बयान का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर पूरा देश देख रहा है.
गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत इन 11 दोषियों की रिहाई को मंज़ूरी दी है. इन सभी को सीबीआई की विशेष अदालत ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान बिलक़ीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या का दोषी ठहराया था.
बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के दोषी ठहराए गए 11 क़ैदियों को सोमवार को गोधरा जेल से रिहा किया गया. बिलकीस के परिवार ने रिहाई पर हैरत जताते हुए कहा है कि वे इस बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.