शरणार्थियों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि पहले से चल रहे और हालिया संघर्ष की स्थिति तथा कोरोना महामारी के कारण 2020 में लोगों के जीवन पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ा. विस्थापन के लिए मजबूर हुए 7.95 करोड़ लोगों में 3.4 करोड़ बच्चे थे.