इस मंज़ूरी के साथ कर्नाटक में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़कर 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों के लिए मौजूदा तीन प्रतिशत से बढ़कर सात प्रतिशत हो जाएगा. इस क़दम को राज्य की भाजपा सरकार द्वारा अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले इन समुदायों को लुभाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
वर्ष 2012 में राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा सरकारी नियुक्तियों, मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों में दाखिले में कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 58 प्रतिशत कर दिया गया था. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के विरुद्ध है.
एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक़, नौ आईआईएम के पीएचडी दाखिले के आंकड़े बताते हैं कि बीते पांच सालों में एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी के तहत आए छात्रों का अनुपात औसतन पांच फीसदी से कम रहा है. वहीं, सभी आईआईएम में ओबीसी और एससी फैकल्टी के लिए आरक्षित 60 फीसदी और एसटी फैकल्टी के 80 फीसदी से अधिक पद ख़ाली रहते हैं.
भारत और यहां रहने वाले सभी जातियों, समुदायों के नागरिकों का भविष्य अब संविधान के इसके वर्तमान स्वरूप में बचे रहने पर निर्भर करता है.
झारखंड हाईकोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया, जिसमें दावा किया गया है कि पुलिस विभाग के हाल के एक फैसले से सामान्य श्रेणी के कर्मचारियों के प्रमोशन पाने की संभावनाएं बाधित होंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने 13 अनुसूचित क्षेत्रों के स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरी में सौ फीसदी आरक्षण देने के झारखंड सरकार के 2016 के फ़ैसले को ख़ारिज करते हुए कहा कि नागरिकों के समान अधिकार हैं और एक वर्ग के लिए अवसर पैदा करके बाकियों को वंचित करना भारतीय संविधान के निर्माताओं के विचार के अनुरूप नहीं है.
भरतपुर ज़िले में नौकरी और उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सैनी, कुशवाहा, माली, मौर्य और शाक्य समुदायों के लोग आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि समुदायों के लिए उपलब्ध वर्तमान आरक्षण पर्याप्त नहीं है.
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को लेकर चले आंदोलन के अगुवा और प्रमुख चेहरा रहे थे. उन्होंने गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत करने के लिए यह आंदोलन चलाया था. साल 2007 व 2008 में चले इस आंदोलन में 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
पहले अंतराष्ट्रीय महिला न्यायाधीश दिवस के उपलक्ष्य में प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि वर्तमान में शीर्ष अदालत में चार महिला न्यायाधीश हैं, जो इसके इतिहास में अब तक की सबसे अधिक संख्या है और निकट भविष्य में भारत पहली महिला प्रधान न्यायाधीश का गवाह बनेगा.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के निवासियों को 75 फ़ीसदी आरक्षण देने संबंधी हरियाणा सरकार के क़ानून पर बृहस्पतिवार को अंतरिम रोक लगा दी थी. हरियाणा में यह क़ानून 15 जनवरी से प्रभावी हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि राज्य सरकारें एससी/एसटी के प्रतिनिधित्व में कमी संबंधी आंकड़े एकत्र करने के लिए बाध्य हैं.
सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले से राज्य की भाजपा सरकार और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच इस बात पर घमासान मचा है कि दोनों में कौन बड़ा ओबीसी हितैषी है और कौन विरोधी. इस तनातनी का केंद्रबिंदु राज्य के पंचायत चुनाव रहे, जिन्हें लगभग सभी तैयारियां पूरी होने के बावजूद ऐन वक़्त पर निरस्त करना पड़ा.
जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया था कि पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए मौखिक परीक्षा में शामिल हुए कई उम्मीदवारों को संवैधानिक रूप से अनिवार्य आरक्षण नीति का उल्लंघन करते हुए कम अंक दिए गए, ख़ासतौर पर उन विद्यार्थियों को जो हाशिये पर रहने वाले वर्गों से आते हैं.
सुप्रीम कोर्ट एससी और एसटी वर्ग से संबंधित कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित मुद्दे पर दलीलें सुन रही थी. केंद्र ने बताया कि समूह ‘ए’ और ‘बी’ की नौकरियों में प्रतिनिधित्व कम है, वहीं समूह ‘सी’ और ‘डी’ में प्रतिनिधित्व अधिक है. एससी और एसटी के लिए समूह ‘ए’ और ‘बी’ में उच्च पद पाना अधिक कठिन है.
शीर्ष अदालत के नौ नवनियुक्त न्यायाधीशों के अभिनंदन के लिए आयोजित एक समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा ने कहा कि भारत को औपनिवेशिक युग के क़ानूनों और उनकी व्याख्या के कारण 70 साल से अधिक समय तक प्रभावित होना पड़ा है. बड़ी संख्या में क़ानून, बड़ी संख्या में व्याख्याओं पर फ़िर से ग़ौर करने की ज़रूरत है.