वरिष्ठ स्तर पर महिलाओं की नियुक्ति लैंगिक रूढ़ियों को बदल सकती है: जस्टिस नागरत्ना

शीर्ष अदालत के नौ नवनियुक्त न्यायाधीशों के अभिनंदन के लिए आयोजित एक समारोह में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बीवी नागरत्ना ने कहा कि महिला न्यायाधीशों की अधिक संख्या महिलाओं की न्याय मांगने और अपने अधिकारों को लागू करने की इच्छा को बढ़ा सकती है. कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने महिला वकीलों से आह्वान किया कि वे न्यायपालिका में 50 प्रतिशत आरक्षण के लिए ज़ोरदार तरीके से मांग उठाएं. 

झारखंड: निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण को मंज़ूरी

विधानसभा ने ‘झारखंड राज्य निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवार रोज़गार विधेयक, 2021’ को पारित कर दिया, जिसके तहत निजी क्षेत्र में 40 हजार रुपये प्रतिमाह तक के वेतन वाली नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश व हरियाणा के बाद झारखंड ऐसा तीसरा राज्य बन गया, जहां निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को रोज़गार प्रदान करने वाला क़ानून है.

आरक्षण की वर्तमान प्रवृत्ति जाति व्यवस्था को मजबूत कर रही है: मद्रास हाईकोर्ट

मेडिकल कॉलेज की सीटों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा को लेकर डीएमके द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश के नागरिकों को इतना सशक्त किया जाए कि आरक्षण व्यवस्था की जगह ‘मेरिट’ के आधार पर एडमिशन, नियुक्ति और प्रमोशन हो.

कोर्ट ने एससी महिला की नियुक्ति पर गुजरात लोकसेवा आयोग के फ़ैसले को अवैध बताया

याचिकाकर्ता महिला ने जीपीएससी के उस फ़ैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें बिक्री कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी गई थी, जो उनकी तीसरी वरीयता थी, जबकि सामान्य वर्ग में 110वीं रैंक लाने वाली महिला की पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति की अनुशंसा की गई थी, जो याचिकाकर्ता की पहली वरीयता थी.

ट्रांसजेंडर के लिए नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था करने वाला पहला राज्य बना कर्नाटक

कर्नाटक सरकार ने सार्वजनिक नौकरियों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए एक फ़ीसदी पद आरक्षित किए हैं. पुलिस कॉन्स्टेबलों की भर्ती को चुनौती मिलने के बाद राज्य सरकार ने यह क़दम उठाया है.

पिछले तीन सालों में मेडिकल कॉलेजों में 11,027 ओबीसी उम्मीदवार प्रवेश से वंचित

वीडियो: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने केंद्र सरकार के पास शिकायत दर्ज कराई है कि पिछले 3 सालों में मेडिकल के ओबीसी की लगभग 11,000 सीटों को सामान्य वर्ग के लोगों को दे दिया जा रहा है. 2017 के बाद से राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए ओबीसी को अनिवार्य 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. इस बीच बीते 13 जुलाई को सरकार ने नीट का नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें राष्ट्रीय संस्थानों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों

यूपी: भाजपा विधायक का प्रधानमंत्री को पत्र, एक ही जाति के शिक्षकों की नियुक्ति पर विरोध जताया

बांदा जिले के तिंदवारी से भाजपा विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि बांदा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों के 40 पदों पर नियुक्तियों के लिए दो अलग-अलग अधिसूचना जारी की, जिसके पीछे मंशा आरक्षण में गंभीर अनियमितता करना था.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-16 और सरकारी नौकरियों में समान अवसर

वीडियो: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में समानता की बात कहता है. इसके मुताबिक धर्म, जाति, लिंग आदि के नाम पर सरकारी नौकरियों में नियुक्ति और पदोन्नति में भेदभाव नहीं किया जा सकता. यदि सरकार को ये लगता है कि कुछ जाति या समुदाय के लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, तो उनके लिए आरक्षण किया जा सकता है.

मराठा आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी से अधिक आरक्षण को असंवैधानिक घोषित किया

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों और दाखिले में मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को खारिज किया और इसे असंवैधानिक करार दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत पर तय करने के 1992 के इंदिरा साहनी फैसले (इसे मंडल फैसला भी कहा जाता है) को बड़ी पीठ के पास भेजने से इनकार किया.

एक दिन सभी आरक्षण ख़त्म हो जाएंगे, सिर्फ आर्थिक आधार पर कोटा बचेगा: सुप्रीम कोर्ट

मराठा आरक्षण के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत की पीठ ने यह भी कहा कि ये नीतिगत मामले हैं और इस पर सरकार को निर्णय लेना होगा.

आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं, वंचितों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का तरीका है

बढ़ती सामाजिक असमानता के दौर में देश की शीर्ष अदालत का आरक्षण पर सवाल उठाना निराशाजनक है और यह वंचित तबके का न्यायपालिका में भरोसा कम करता है.

मराठा आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, कितनी पीढ़ियों तक आरक्षण देना जारी रखेंगे

महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए शिक्षा और रोज़गार में आरक्षण क़ानून, 2018 में बनाया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस क़ानून को वैध ठहराया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से पूछा, किसी भी थाने में महिला प्रभारी क्यों नहीं

दिल्ली महिला आयोग ने मीडिया में आई ख़बरों के आधार पर राष्ट्रीय राजधानी के 178 थानों में से एक भी जगह महिला प्रभारी न होने की बात पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. आयोग ने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के नियम हैं, इसके बावजूद उनकी भागीदारी कम है.

उत्तर प्रदेश: हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के आरक्षण में 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया

उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानकर चुनाव क्षेत्रों का आरक्षण किया था, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने 11 फरवरी, 2021 के शासनादेश को यह कहकर रद्द कर दिया कि उससे आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बाहर जा रही थी.

हरियाणा: निजी क्षेत्र की नौकरी में स्थानीय युवकों को 75 फीसदी आरक्षण के ख़िलाफ़ याचिका

हरियाणा सरकार ने इस महीने की शुरुआत में निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के युवाओं के लिए 75 फीसदी आरक्षण देने वाले क़ानून को मंज़ूरी दी थी. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि यह क़ानून कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.

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