आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल ने रिजर्व बैंक से आरटीआई के तहत नोटबंदी से संबंधित बैंक अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों, विभिन्न खातों में जमा धन और लोगों द्वारा आदान-प्रदान की गई मुद्रा की कुल मात्रा के बारे में जानकारी मांगी थी.
सरकार का कहना था कि बंद किए गए नोटों में से लगभग 3 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आएंगे और यह काले धन पर कड़ा प्रहार होगा, लेकिन रिज़र्व बैंक मुताबिक अब नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का प्रतिशत 99 के पार पहुंच गया है. यानी या तो इन नोटों में कोई काला धन था ही नहीं या उसके होने के बावजूद सरकार उसे निकालने में विफल रही.
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि छोटा-मोटा क़र्ज़ लेने वाले किसानों को बदनाम किया जाता है जबकि 50 करोड़ रुपये से अधिक क़र्ज़ लेकर उसे सही समय पर न लौटाने वालों को क़ाफी मौके दिए जाते हैं.
हाल ही में रिज़र्व बैंक के बोर्ड में शामिल हुए स्वामीनाथन गुरुमूर्ति की नरेंद्र मोदी के नोटबंदी जैसे आर्थिक नीति संबंधी फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 6 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा है तो वहीं आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.3% से घटाकर 6.7 % कर दिया.
नोटबंदी को लेकर रिज़र्व बैंक के हालिया आंकड़ों पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार से द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.
नोटबंदी के नतीजों पर विपक्ष ने मोदी को घेरा, चिदंबरम ने पूछा- क्या नोटबंदी कालेधन को सफेद करने के लिए थी?
वीडियो: आरबीआई की हालिया रिपोर्ट कहती है कि नोटबंदी के बाद चलन से बाहर किए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में से लगभग 99 फ़ीसदी बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट आए हैं.
वीडियो: नोटबंदी को लेकर आरबीआई की हालिया रिपोर्ट पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु का नज़रिया...
वार्षिक रिपोर्ट में रिज़र्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी से पहले 1000 रुपये के 632.6 करोड़ नोट चलन में थे.
संसदीय समिति के सदस्यों ने नोटबंदी पर अपनी रिपोर्ट को नए सिरे से तैयार करने पर ज़ोर दिया.
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण में नोटबंदी संबंधी आंकड़ों पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- या तो प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं या रिज़र्व बैंक.
सारे संकेत यही बता रहे हैं मगर कोई कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.