प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 के दौरान मीडिया संगठनों द्वारा पत्रकारों की छंटनी को लेकर उसके द्वारा गठित समिति के समक्ष पेश हुए 80 फीसदी पत्रकारों ने बताया कि उन पर इस्तीफे या वीआरएस का दबाव था या उन्हें सीधे नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया गया.
भारतीय प्रेस परिषद ने मार्च 2020 से लेकर फरवरी 2021 की अवधि के दौरान नौकरी से निकाले गए पत्रकारों को एक ऑनलाइन फॉर्म भरने या विवरण के साथ ईमेल भेजने के लिए कहा है.