कोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को भारतीय कंपनी के ख़िलाफ़ रिपोर्ट हटाने को कहा

16 नवंबर 2023 को प्रकाशित रॉयटर्स की एक विशेष रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दिल्ली की कंपनी एपिन ने कथित तौर पर नेताओं, अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों, प्रमुख वकीलों और अन्य का डेटा चुराया है.

मणिपुर हिंसा में जान गंवाने वालों में कुकी लोगों की संख्या दो तिहाई, 181 मृतक में 113 कुकी:​ रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण करके बताया गया है कि मणिपुर में बीते 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में 181 लोग मारे गए हैं, जिनमें कुकी लोगों की संख्या 113 है, जबकि मेईतेई समुदाय के मृतकों की संख्या 62 है. मई की शुरुआत में हिंसा के पहले सप्ताह में 10 मेईतेई लोगों की तुलना में 77 कुकी लोग मारे गए थे.

फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी को दूसरा पुलित्ज़र पुरस्कार, पिता ने कहा- अपने काम से अमर हो गया

समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के फोटो पत्रकार रहे दानिश सिद्दीक़ी के अलावा उनके सहयोगियों अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में प्रतिष्ठित पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. सिद्दीक़ी की पिछले साल अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच गोलीबारी की तस्वीरें लेते समय मौत हो गई थी. 2018 में भी उन्हें रोहिंग्या शरणार्थी संकट संबंधी तस्वीरों के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार मिल चुका है.

अफ़ग़ान सैनिकों की वापसी के दौरान दानिश सिद्दीक़ी को पीछे छोड़ दिया गया था: रॉयटर्स

16 जुलाई को अफ़ग़ानिस्तान के कंधार शहर के स्पिन बोल्डक में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी की मौत हो गई थी. अब अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने उनकी मौत को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है.

दानिश सिद्दीक़ी के शव को क्षत-विक्षत किया गया था, कई गोलियों और टायर के निशान थेः रिपोर्ट

न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई भारतीय एवं अफ़ग़ान अधिकारियों के हवाले लिखा है कि पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी का शव जब प्राप्त हुआ था तो वह पहचाने जाने लायक नहीं रह गया था. बीते 16 जुलाई को दानिश की मौत अफ़ग़ानिस्तान के कंधार शहर स्पिन बोल्डक में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय हुई थी.

फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की तालिबान द्वारा क्रूर तरीके से हत्या की गई थी: रिपोर्ट

अमेरिका की एक पत्रिका वाशिंगटन एक्जामिनर के मुताबिक़, तालिबान ने रॉयटर्स के पत्रकार दानिश सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि करने के बाद उन्हें और उनके साथ के लोगों को मारा था. पुलित्जर विजेता दानिश कंधार शहर के स्पिन बोल्डक में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करने गए हुए थे.

अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध की कवरेज के दौरान भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी की मौत

अफ़ग़ानिस्तान के कंधार ज़िले में स्पिन बोल्डक के मुख्य बाज़ार क्षेत्र पर फ़िर से क़ब्ज़ा करने के लिए अफ़ग़ान विशेष बल तालिबान आतंकियों के साथ लड़ रहे थे, जब समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी और एक वरिष्ठ अफ़ग़ान अधिकारी मारे गए. बीते कुछ दिनों से यहां पर भीषण लड़ाई चल रही है. देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच सरकार और तालिबान लड़ाकों के बीच लड़ाई तेज़ हो गई है.

कोरोना वायरस संबंधी ख़बर को लेकर समाचार एजेंसी रॉयटर्स पर लगी रोक इराक़ ने हटाई

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक ख़बर में इराक़ सरकार पर आरोप लगाया था कि वह कोरोना वायरस को लेकर सही आंकड़े पेश नहीं कर रही है.

म्यांमार: रोहिंग्या मुस्लिमों पर रिपोर्टिंग के कारण सज़ा काट रहे रॉयटर्स के दो पत्रकार रिहा

म्यांमार के रखाइन में सैन्य कार्रवाई के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचारों की रिपोर्टिंग करते हुए 32 वर्षीय वा लोन और 28 वर्षीय क्याव सोए ओ को सरकारी गोपनीयता क़ानून तोड़ने के लिए पिछले साल सितंबर में सात-सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी.

क्या अक्षय कुमार को दिया प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू पेड न्यूज़ नहीं है?

अक्षय कुमार के साथ प्रधानमंत्री मोदी के ग़ैर-राजनीतिक इंटरव्यू की तैयारी ज़ी न्यूज़ की संपादकीय टीम ने कराई. ज़ी की टीम ने शूट और पोस्ट प्रोडक्शन यानी एडिटिंग की. यह सीधा-सीधा पॉलिटिकल प्रोपेगैंडा है. ज़ी न्यूज़ के तैयार कंटेंट को एएनआई से जारी करवाकर सारे चैनलों पर चलवाया गया. क्या इन चैनलों को नहीं बताना था कि यह कटेंट किसका है?

भारतीय क़ानूनों का उल्लंघन करने वाले विदेशी पत्रकार दंड के भागी होंगे: गृह मंत्रालय

रॉयटर्स समाचार एजेंसी के दिल्ली कार्यालय के मुख्य फोटोग्राफर कैथल मैकनॉटन को भारत पहुंचने के बाद वापस भेज दिया गया था. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हो सकता है उन्होंने कुछ पुरस्कार जीते हों, लेकिन वह उन्हें भारतीय क़ानूनों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देता है.

म्यांमार में रॉयटर्स के दो पत्रकारों को 7 साल की सज़ा

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इन पत्रकारों को पिछले साल 12 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था. उस समय वे म्यांमार के रखाइन प्रांत के एक गांव में रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या और सेना व पुलिस द्वारा किए गए अपराधों की जांच कर रहे थे.