कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम को सीधे राज्य को चावल बेचने की अनुमति पर अचानक रोक लगाने के फैसले को ‘कन्नड’ और ‘ग़रीब’ विरोधी क़रार दिया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा लोगों को 10 किलो मुफ्त चावल देने के ख़िलाफ़ क्यों हैं? वे ग़रीबों से भोजन क्यों छीनना चाहते हैं?
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा देश भर से एकत्र खुदरा और थोक क़ीमतों के आंकड़े दिखाते हैं कि गेहूं के खुदरा दामों में भी 14 फीसदी की वृद्धि हुई है. वहीं, देश में प्राकृतिक गैस के दाम में 40 फीसदी की रिकॉर्ड वृद्धि के बाद पाइपलाइन गैस और सीएनजी के दाम बढ़ने की संभावना है, जो बीते एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुके हैं.
अप्रैल में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'निर्यात केंद्रित अर्थव्यवस्था' के निर्माण के सपने की बात की थी, लेकिन एक महीने के भीतर ही केंद्र सरकार ने गेहूं, कपास, चीनी और स्टील पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए हैं.
मुंबई स्थित इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान ने 'शहरी खाद्य बाजार और भारत में लॉकडाउन' शीर्षक अध्ययन में पाया कि टमाटर की औसत कीमत 28 फीसदी, आलू की 15 फीसदी, कई किस्मों के दालों की 6 फीसदी से ज्यादा और ज्यादातर खाद्य तेलों के दामों में 3.5 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई.
कोरोना वायरस से सुरक्षा को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण अधिकांश मज़दूर अपने घर चले गए हैं, इसलिए विभिन्न सामानों का उत्पादन काफी कम हो गया है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट सेवा की कमी भी खाद्यान्नों की सप्लाई को सीमित कर दिया है.