कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उम्मीदवार को केवल अपने उन महत्वपूर्ण संपत्तियों के बारे में बताने की ज़रूरत है जिससे मतदाताओं को उनकी वित्तीय हालात और जीवनशैली के विषय में पता चल सके. उम्मीदवारों को उनके या उनके आश्रितों के स्वामित्व वाली प्रत्येक संपत्ति का खुलासा करना अनिवार्य नहीं है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र से गुजरने वाले हाईवे के एक हिस्से के लिए 2,242 हेक्टेयर भूमि की ज़रूरत है, जिसमें पालघर, ठाणे और रायगढ़ ज़िलों में 39,000 से अधिक पेड़ों को काटा जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना मामले में बीते वर्ष 2 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसके दो दिन बाद ही बॉन्ड बिक्री के अगले चरण की घोषणा कर दी गई. सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसके बाद हुई 29वें और 30वें चरण की बिक्री में क्रमश: 99% और 94% बॉन्ड 1 करोड़ रुपये मूल्यवर्ग वाले बेचे गए.
साल 2024 में छापे गए 1 करोड़ रुपये के 8,350 करोड़ रुपये के बॉन्ड भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस योजना की शुरुआत से अब तक जुटाई गई रकम से भी अधिक हैं.
शीर्ष अदालत ने 2011 के एक फैसले में इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि वन संबंधी 1996 के उसके फैसले का पालन किया जाए और राज्य 1980 के वन संरक्षण अधिनियम के तहत सभी वनों का दस्तावेज़ीकरण करने के लिए ‘भू-संदर्भित जिला वन-मानचित्र’ तैयार करें. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा इन दोनों निर्णयों का पालन नहीं किया गया है.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब से ख़ुलासा हुआ है कि 2013 में आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत केंद्र सरकार ने वेबसाइट और ऑनलाइन पोस्ट ब्लॉक करने के 62 आदेश जारी किए थे, जबकि 2023 में अक्टूबर माह तक 6,954 ऐसे आदेश जारी किए गए.
सीईआरटी-इन कंप्यूटर सुरक्षा संबंधी घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है. इसे केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने आरटीआई अधिनियम के दायरे से छूट दी है, जिसकी वजह जानने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने आवेदन डाला था.
एक अध्ययन में कहा गया है कि असम उन कुछ राज्यों में शुमार है जहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य पुलिस जवाबदेही आयोग (एसपीएसी) कार्यरत है, लेकिन 2022 में भाजपा सरकार द्वारा राज्य पुलिस अधिनियम में किए गए संशोधन आयोग की स्वतंत्रता से समझौता करते हैं.
भारतीय मूल के व्यक्तियों को दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इसलिए किसी और देश का नागरिक बनने पर भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करना होता है. विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, 2011 से 2022 के बीच गोवा में सर्वाधिक पासपोर्ट सरेंडर किए गए. इसके बाद पंजाब दूसरे व गुजरात तीसरे स्थान पर रहा.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत नवंबर 2019 में प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो में एक फैक्ट-चेक इकाई बनाई थी, जिसे केंद्र से संबंधित फ़र्ज़ी ख़बरों के स्वत: संज्ञान के साथ नागरिकों द्वारा भेजे प्रश्नों के माध्यम से संज्ञान लेने का काम मिला था. इसे सही जानकारी के साथ इन सवालों का जवाब देने और सोशल मीडिया पर किसी भी ग़लत सूचना को चिह्नित करने का भी काम सौंपा गया है.
बीते 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी कर अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद कंपनी के शेयरो में भारी गिरावट देखी गई थी. इसके बाद 1 फरवरी को समूह ने 20,000 करोड़ रुपये के अपने पूरी तरह सब्सक्राइब्ड हो चुके एफपीओ को वापस ले लिया था.
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के विश्लेषण से पता चला है कि केंद्र सरकार द्वारा 2021 में कुल 6,096 और 2022 में 6,775 यूआरएल ब्लॉक किए गए, जिसमें सभी तरह के यूआरएल जैसे वेबपेज, वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विशिष्ट पेज आदि शामिल हैं.
मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले में बीते 2 जून को आरटीआई कार्यकर्ता रंजीत सोनी की लोक निर्माण विभाग कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एक फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट में पता चला है कि रंजीत सरकारी ठेकों, अधिकारियों की नियुक्तियों और उनके ठेकेदारों से संबंधों आदि में व्याप्त भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आरटीआई के माध्यम से लगातार सक्रिय थे और इसलिए उन्हें धमकियां मिल रही थीं और उन पर पहले भी हमले हो चुके थे.
पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय सूचना आयोग में दिए दो आवेदनों से पता चला है कि कैसे एकाएक उनके करिअर की समाप्ति के बाद से सरकार ने उनकी पिछली सेवा संबंधी पूरी जानकारी को ज़ब्त कर लिया. इसके बाद उनकी पेंशन, चिकित्सा पात्रता और ग्रैच्युटी समेत सभी सेवानिवृत्ति बकाये, यहां तक कि भविष्य निधि भुगतान भी देने से इनकार कर दिया गया.