बीते एक जुलाई को समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ ने अपने प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान चलाकर कहा था कि वह उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को ‘बच्चा’ बता रहे हैं, जबकि उक्त बयान उन्होंने केरल के वायनाड में उनके कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के संदर्भ में दिया था. इसे लेकर रोहित रंजन और संपादक रजनीश आहूजा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
एक रिपोर्ट बताती है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को ‘ग़लत संदर्भ’ में प्रसारित करने के मामले में ज़ी न्यूज़ के दो पूर्व कर्मचारियों के ख़िलाफ़ दर्ज एक एफ़आईआर में यूपी पुलिस ने उसी सुबह एंकर रोहित रंजन का नाम जोड़ा था, जिस दिन उन्हें हिरासत में लिया गया था और उसी दिन उनकी ज़मानत भी हो गई थी.
ज़ी न्यूज़ के डीएनए कार्यक्रम में राहुल गांधी के ग़लत वीडियो पर कांग्रेस की आपत्ति के बाद ज़ी न्यूज़ ने तुरंत ही माफ़ी मांगी और इसे मानवीय भूल बताया. फिर ज़ी न्यूज़ ने पुलिस शिकायत क्यों दर्ज कराई कि वीडियो का मामला मानवीय भूल से आगे का है और पुलिस जांच करे? क्या माफ़ी मांगने से पहले जांच नहीं हुई होगी?
ज़ी न्यूज़ ने अपने शो ‘डीएनए’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान चलाकर कहा था कि वह उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को ‘बच्चा’ बता रहे हैं, जबकि यह बयान उन्होंने केरल के वायनाड में उनके दफ़्तर में तोड़-फोड़ करने वालों के संदर्भ में दिया था. इसे लेकर शो के एंकर रोहित रंजन और भाजपा सांसदों राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सुब्रत पाठक एवं भोला सिंह और भाजपा विधायक कमलेश सैनी आदि के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने छह राज्यों में एफ़आईआर दर्ज
बीते एक जुलाई को समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ ने अपने प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान चलाकर कहा था कि वह उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को ‘बच्चा’ बता रहे हैं, जबकि उक्त बयान उन्होंने केरल के वायनाड में उनके कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के संदर्भ में दिया था. इस मामले में ज़ी न्यूज के एंकर रोहित रंजन, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन राठौड़, सेना के मेजर सुरेंद्र पूनिया और यूपी विधायक