उत्तराखंड में हरिद्वार ज़िले के रुड़की का मामला. आरोपी लिफ्ट देकर चलती कार में छह साल की बच्ची और उसकी मां से सामूहिक बलात्कार के बाद उन्हें गंग नहर किनारे कांवड पटरी पर छोड़कर चले गए. मेडिकल जांच में दोनों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है. पुलिस ने एक नामज़द आरोपी सहित अन्य पर मुक़दमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.
हरिद्वार ज़िला प्रशासन ने मंगलवार को हिंदू धर्मगुरुओं द्वारा एक महापंचायत की घोषणा के बाद दादा जलालपुर गांव के 5 किमी के दायरे में दफा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है.
रुड़की में बुधवार को धर्म संसद का आयोजन होने वाला है, जिसके संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव से कहा है कि हेट स्पीच की स्थिति बनने पर उन्हें कोर्ट के कहे बिना तत्काल कार्रवाई करनी होगी.
वीडियो: उत्तराखंड के रूड़की ज़िले के दादा जलालपुर गांव में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन निकली एक शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ था, जिसके परिणास्वरूप सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. हिंसा प्रभावित लोगों से बातचीत.
उत्तराखंड के रुड़की ज़िले के दादा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती के दिन 16 अप्रैल को निकली एक शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ था, जिसके परिणास्वरूप ज़्यादातर मुसलमानों को भगवानपुर क्षेत्र छोड़ना पड़ा. जो पीछे रह गए हैं, उनका कहना है कि वे लगातार डर के साये में जी रहे हैं.
उत्तराखंड के विभिन्न ज़िलों में भीड़ हिंसा और नफ़रत की राजनीति के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन करते हुए राज्य में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ बढ़ रहे अपराधों पर चिंता जताई है. कोरोना की पहली लहर में सरकार ने ताली-थाली बजवाई थी, उसी तर्ज पर इस दौरान कनस्तर बजाकर नारे लगाए गए और हिंसा ख़त्म करने की अपील की गई. साथ में नारे लिखे पोस्टर दिखाकर सरकार के प्रति अपना रोष व्यक्त किया गया.
देश में ईसाइयों पर अत्याचार की घटनाओं पर निगरानी रखने वाले मानवाधिकार संगठनों ने हिंदुत्व समूहों द्वारा ईसाइयों पर की गई हिंसा का दस्तावेज़ीकरण करते हुए एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि 21 राज्यों, विशेष रूप से उत्तर भारत में 2021 के शुरुआती नौ महीनों में इस तरह के तीन सौ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं.
घटना रुड़की की है, जहां रविवार को कथित तौर पर स्थानीय दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े लगभग 200 अज्ञात पुरुषों और महिलाओं ने एक चर्च में तोड़-फोड़ की. इसमें सुबह की प्रार्थना के लिए जुटे कई लोग घायल हो गए. हमलावरों पर महिलाओं से दुर्व्यवहार करने का भी आरोप है. मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.