तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से संबंध रखने वाले तीन लोगों को आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. इसमें एक बीआरएस नेता के पति जी. अंजैया भी शामिल हैं. अंजैया ने कथित तौर पर आरटीआई कार्यकर्ता की ज़मीन हथिया ली थी.
आरटीआई के ज़रिये पूर्व भाजपा सांसद दीनू सोलंकी से जुड़ी अवैध खनन गतिविधियों को सामने लाने की कोशिश कर रहे कार्यकर्ता अमित जेठवा को जुलाई 2010 में गुजरात हाईकोर्ट के बाहर गोली मारी गई थी. सीबीआई अदालत ने सात आरोपियों, जिनमें दीनू और उनके भतीजे शिव भी शामिल थे, को दोषी ठहराया था.
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि आरोपी सरपंच ने पूछताछ में स्वीकार किया कि 12 नवंबर की रात आरटीआई कार्यकर्ता से विवाद हो गया था और सिर पर डंडे से वार से उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद आरोपियों ने शव जंगल में ले जाकर जला दिया और उनकी मोटरसाइकिल के टुकड़े कर ज़मीन में गाड़ दिया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री से जुड़े विवाद पर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने साल 1978 के बीए के सभी डीयू रिकॉर्ड की पड़ताल का निर्देश दिया था, जिसके ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था. इसके बाद कोर्ट ने सीआईसी के आदेश पर रोक लगा दी थी.
आरटीआई कार्यकर्ता और ‘महा प्रचंड’ समाचार पत्र के संपादक लिंगाराजू पर 20 नवंबर, 2012 को उनके घर के पास तीन हथियारबंद लोगों ने हमला किया था. सत्र अदालत ने 28 अक्टूबर, 2020 को आरोपियों को दोषी पाया था और उन्हें उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
घटना कच्छ ज़िले की है. सूचना का अधिकार कार्यकर्ता रमेश बलिया ने नवल सिंह जडेजा नामक व्यक्ति के ख़िलाफ़ अवैध रेत खनन की शिकायत दर्ज कराई थी, जिससे नाराज़ जडेजा ने अपनी एसयूवी कार से स्कूटर पर जा रहे रमेश और उनके बेटे को कुचल दिया.
महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले का मामला. आरटीआई कार्यकर्ता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन इसे दर्ज नहीं किया गया था. अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर द्वारा स्थापित महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद में शिकायत दर्ज हो सकी थी.
मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले में बीते 2 जून को आरटीआई कार्यकर्ता रंजीत सोनी की लोक निर्माण विभाग कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एक फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट में पता चला है कि रंजीत सरकारी ठेकों, अधिकारियों की नियुक्तियों और उनके ठेकेदारों से संबंधों आदि में व्याप्त भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आरटीआई के माध्यम से लगातार सक्रिय थे और इसलिए उन्हें धमकियां मिल रही थीं और उन पर पहले भी हमले हो चुके थे.
राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए चुनावी बॉन्ड की छपाई की कुल लागत की जानकारी हासिल करने की ख़ातिर भारतीय सुरक्षा प्रेस को आरटीआई आवेदन दिया था. हालांकि भारतीय सुरक्षा प्रेस ने तर्क दिया था कि सूचना सार्वजनिक किए जाने से देश के आर्थिक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) कार्यालय के बाहर आरटीआई कार्यकर्ता 42 वर्षीय रंजीत सोनी की दिनदहाड़े अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह अशोकनगर का रहने वाले थे. पुलिस ने बताया कि कार्यालय में लगा सीसीटीवी काम नहीं कर रहा था और हमलावरों को पता लगाने के लिए पुलिस शहर के बाकी फुटेज देख रही है.
मोतीहारी के आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की बीते वर्ष सितंबर में हत्या कर दी गई थी. उनके 14 वर्षीय बेटे की शुक्रवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस इसे दुर्घटना बता रही है, लेकिन परिवार का आरोप है कि पिता की हत्या की जांच में देरी के चलते रोहित ने आत्महत्या की है. अब पुलिस ने पिता के हत्या मामले की जांच सीआईडी को दे दी है.
बीते साल आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने जम्मू कश्मीर पुलिस और उपराज्यपाल के समक्ष दायर आवेदन में कश्मीर पंडितों के ख़िलाफ़ हिंसा, उनके विस्थापन और पुनर्वास संबंधी जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में बताया गया है कि हिंसा या हिंसा की धमकियों के चलते घाटी छोड़कर विस्थापित हुए 1.54 लाख लोगों में से 88 फीसदी हिंदू थे लेकिन 1990 के बाद से हुई हिंसा में मरने वाले लोगों में सर्वाधिक अन्य धर्मों के थे.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले के बरही ग्राम पंचायत का मामला. गंभीर रूप से घायल 33 वर्षीय दलित आरटीआई कार्यकर्ता को दिल्ली स्थित एम्स के रिफर कर दिया गया है. पुलिस ने सात आरोपियों की पहचान कर उनके ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास, अपहरण से संबंधित धाराओं तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
भाजपा ने होशियारपुर के पूर्व सांसद विजय सांपला को फगवाड़ा से टिकट दिया है. सांपला फरवरी 2021 से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष हैं, जिसके चलते उनकी उम्मीदवारी सवालों के घेरे में है. पार्टी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा को भी रूपनगर सीट से उम्मीदवार बनाया है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता आशीष सागर दीक्षित को पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर बना दिया है. उनका आरोप है कि अब उन्हें गिरफ़्तार करने की साज़िश रची जा रही है.