‘विपक्ष का ख़त्म होना चिंता का विषय होना चाहिए’ प्रेमचंद लिखते हैं, ‘राष्ट्रीयता वर्तमान युग का कोढ़ है, उसी तरह जैसे मध्यकालीन युग का कोढ़ सांप्रदायिकता थी.’31/07/2017