स्वच्छ भारत अभियान के दावों पर सवालिया निशान खड़ी करती एनएसओ की रिपोर्ट

ये सर्वेक्षण जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 के बीच में कराया गया था. स्वच्छ भारत मिशन डेटाबेस के मुताबिक उस समय तक भारत के 95 फीसदी घर खुले में शौच से मुक्त हो चुके थे. हालांकि एनएसओ सर्वे में पाया गया कि सिर्फ 71 फीसदी घर ही खुले में शौच से मुक्त हो पाए थे.

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश के खुले में शौच से मुक्त होने का दावा विश्वसनीय नहीं है

आंकड़े दिखाते हैं कि किसी क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने में सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हुआ है.

देश के खुले में शौच से मुक्त होने के दावे की सच्चाई क्या है?

वीडियो: गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्रामीण भारत ने खुद को खुले में शौच से मुक्त कर लिया है. इस दावे में कितनी सच्चाई है, इस बारे में चर्चा कर रहे हैं द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद और कबीर अग्रवाल.

हम भी भारत, एपिसोड 32: क्या हिंदुस्तान के हर गांव में बिजली पहुंच चुकी है?

हम भी भारत की 32वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के दावे पर पूर्व आर्थिक सलाहकार नितिन देसाई और वरिष्ठ पत्रकार नितिन सेठी से चर्चा कर रही हैं.