आज के मनुष्य ने मछलियों की तरह जल में तैरना और पक्षियों की तरह आसमान में उड़ना भले सीख लिया है, मनुष्य की तरह धरती पर चलना उसे अभी सीखना है. मनुष्य की तरह धरती पर चलना न सीख पाने के ही कारण उसकी बार-बार की जाने वाली शांति की क़वायदें भी युद्ध की क़वायदों में बदल जाती हैं.
वीडियो: रूस के अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला बोलने के बाद पिछले कई दिनों से दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है. यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को भी हर दिन विमानों के ज़रिये वापस लाया जा रहा है. भारत लौटे छात्रों से द वायर की बातचीत.
रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के शहरी इलाकों पर निशाना साधा है, जहां कीव के टीवी टावर और यूक्रेन में यहूदी नरसंहार के मुख्य स्मारक समेत अन्य असैन्य स्थलों को निशाना बनाते हुए हमले किए गए हैं. उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि पुतिन जैसे ‘तानाशाह’ दूसरे देश पर आक्रमण की क़ीमत चुकाएंगे. वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीयों से तत्काल खारकीव छोड़ने को कहा है.
मृतक छात्र की पहचान कर्नाटक के हावेरी ज़िले के रहने वाले 20 वर्षीय नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के रूप में हुई है. वह खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में चौथे वर्ष के मेडिकल छात्र थे. उनके पिता ने आरोप लगाया कि वहां फंसे छात्रों से भारतीय दूतावास से किसी ने संपर्क नहीं किया. भारतीय दूतावास ने भारतीयों को तत्काल राजधानी कीव छोड़ने की सलाह दी. रूस ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर की बमबारी, राजधानी पर बढ़ा ख़तरा. अमेरिका
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि बातचीत शुरू होने पर वह रूस से तत्काल संघर्षविराम की मांग करेगा. वहीं, पश्चिमी देशों द्वारा रूस के विनिमय योग्य मुद्रा भंडार पर रोक लगाने के बाद रूसी मुद्रा में गिरावट आई है. साथ ही मॉस्को से लेकर साइबेरिया तक इस युद्ध के ख़िलाफ़ हज़ारों रूसी नागरिकों ने प्रदर्शन किया.
रविवार को रूसी सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में दाखिल हो गई और वह दक्षिण क्षेत्र में स्थित रणनीतिक बंदरगाहों पर भी नियंत्रण बनाने का प्रयास कर रही है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की बिना किसी 'पूर्व शर्त' के बेलारूस के साथ अपनी सीमा पर- चेर्नोबिल एक्सक्लूशन ज़ोन के पास रूस से बात करने को तैयार हो गए हैं.
एयर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 250 भारतीय नागरिकों को लेकर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से रविवार तड़के दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंची. इससे पहले बुखारेस्ट से शनिवार रात पहली निकासी उड़ान से 219 लोगों को मुंबई लाया गया था.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश से निकल जाने के अमेरिकी प्रस्ताव को मानने से इनकार करते हुए कहा कि वह राजधानी कीव में ही रुकेंगे. वहीं, अधिकारियों ने बताया है कि दो दिनों के घमासान के बाद हुई झड़पों में सैकड़ों लोग हताहत हुए हैं और पुलों, विद्यालयों और अपार्टमेंट की इमारतों को भारी नुकसान हुआ है. उधर, रूस ने पश्चिमी देशों के लगाए गए प्रतिबंधों पर जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी है.
यूक्रेन में रूस की सीमा से लगते सूमी शहर पर रूसी सैनिकों के कब्ज़े के बाद कम से कम 400 भारतीय छात्रों ने एक तहखाने में शरण ली है. इनमें अधिकतर सूमी स्टेट मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं. उन्होंने कहा कि बाहर गोलियों की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं और वे लंबे समय तक वहां नहीं रह पाएंगे.
कच्चे तेल का यह दाम सितंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक है. जानकारों का कहना है कि केंद्र की एनडीए सरकार के लिए यह उछाल सरकारी तेल खुदरा विक्रेताओं पर खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव बढ़ा रहा है. इस बढ़ोतरी को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र रोक दिया गया है और मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद इनमें वृद्धि की उम्मीद है.
रूस की सेना का दावा है कि उसने यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक विमानतल को अपने कब्ज़े में ले लिया है, साथ ही रूसी सैनिक कीव में घुस चुके हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उनका कोई सैनिक हताहत नहीं है, वहीं यूक्रेन ने कहा कि क़रीब हज़ार रूसी सैनिक मारे गए हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी है कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अकारण हमले की निंदा की. भारत ने तनाव कम करने का आह्वान किया. वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने रूस में अपने सैनिकों को वापस लेने की अपील की.
रूस के क़दम भू-राजनीतिक संतुलन को बुरी तरह से बिगाड़ने वाले हैं, लेकिन क्या इन्हें अप्रत्याशित कहा जा सकता है? जवाब है, नहीं. कौन-सा शक्तिशाली देश अपने पड़ोस में निरंतर किए जा रहे रणनीतिक अतिक्रमणों को स्वीकार करेगा? अतीत में अपनी कमज़ोरी की क़ीमत चुकाने के बाद रूस को लगता है कि अब मज़बूत जवाबी कार्रवाई करने का वक़्त आ गया है.