सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) का एफसीआरए लाइसेंस रद्द होने से पहले इसे मिले आयकर विभाग के नोटिस में संगठन के छत्तीसगढ़ में हसदेव आंदोलन में शामिल एनजीओ से जुड़ाव का प्रमुख तौर पर ज़िक्र किया गया है. हालांकि, नोटिस में जिस बात का उल्लेख नहीं है वो यह कि हसदेव क्षेत्र बीते क़रीब एक दशक से अडानी समूह के ख़िलाफ़ विराट आदिवासी आंदोलन का केंद्र है.
इस खदान का संचालन राजस्थान कोलिरीज लिमिटेड करेगी, जो कि अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड की एक इकाई है.
छत्तीसगढ़ के परसा हसदेव अरंद खदान की क्षमता पांच मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है और इसका संचालन राजस्थान कोलिरीज लिमिटेड करती है. यह अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड की इकाई है.