प्रेस की दशा-दिशा पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर कहा गया है कि पत्रकारों को प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं के पीछे हिंदू राष्ट्रवादियों का हाथ है. इसमें हत्या भी हो सकती है, जैसा पत्रकार गौरी लंकेश के मामले में हुआ.
साल दर साल भारत में मीडिया पर नियंत्रण और सेंसरशिप ख़त्म होने के बजाय बढ़ रही है. इस मामले में सभी राजनीतिक दल एक जैसे हैं. वे आज़ाद मीडिया की जगह नियंत्रित मीडिया को प्यार करते हैं.
अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का कहना है कि 2015 से अब तक सरकार की आलोचना करने वाले नौ पत्रकारों की हत्या कर दी गई.
प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर अंतर्राष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर से किए गए एक अध्ययन में 180 देशों की सूची में भारत 136वें स्थान पर है.