मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के समय में सलाम आरती की रस्म शुरू की गई थी. टीपू ने मैसूर राज्य के कल्याण के लिए इसकी शुरुआत की थी. अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई में उनकी मृत्यु के बाद भी राज्य भर के विभिन्न हिंदू मंदिरों में यह रस्म जारी है.
मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के समय में सलाम आरती की रस्म शुरू की गई थी. टीपू ने मैसूर राज्य के कल्याण के लिए इसकी शुरुआत की थी. अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई में उनकी मृत्यु के बाद भी राज्य भर के विभिन्न हिंदू मंदिरों में यह रस्म जारी है.