द वायर के एक पॉडकास्ट कार्यक्रम में कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद ने कहा कि अगला चुनाव भाजपा को हराने का एक ऐतिहासिक अवसर हो सकता है. गणितीय रूप से यह संभव है, लेकिन हमें और बेहतर तालमेल की भी ज़रूरत है.
केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक विधेयक पेश करने के दौरान सुप्रीम कोर्ट को सुझाव देते हुए कहा कि वह उन्हीं मामलों पर सुनवाई करे जो प्रासंगिक हैं. विपक्ष ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार न्यायपालिका को मैनेज करने मंशा रखती है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की हालिया किताब की बिक्री और प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से मना करते हुए कहा कि यह 'एक मौक़ापरस्त याचिकाकर्ता' हैं जिन्होंने प्रचार के लिए याचिका दायर की.
कोई नहीं कह सकता कि नेता के तौर पर मनीष तिवारी या सलमान ख़ुर्शीद की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है या उसे पूरा करने के लिए वे किताब लिखने समेत जो करते हैं, उसे लेकर आलोचना नहीं की जानी चाहिए. लेकिन उससे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस के नेताओं के रूप में उन्हें अपने विचारों को रखने की इतनी भी आज़ादी नहीं है कि वे लेखक के बतौर पार्टी लाइन के ज़रा-सा भी पार जा सकें?
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान ख़ुर्शीद की किताब पर रोक लगाने की याचिका ख़ारिज करते हुए की थी. फ़ैसले के विस्तृत आदेश में कोर्ट ने कहा कि असहमति का अधिकार जीवंत लोकतंत्र का सार है. संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर सिर्फ किसी के लिए अप्रिय होने की आशंका के आधार पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती.
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया था कि कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की नई किताब ‘दूसरों की आस्था को चोट पहुंचाती है’ इसलिए इसके प्रकाशन, प्रसार और बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए. अदालत ने इसे ख़ारिज करते हुए कहा कि लोगों को बताइए कि यह ख़राब तरीके से लिखी है, कुछ बेहतर पढ़िए.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी किताब ‘10 फ्लैश पॉइंट्स: 20 ईयर्स - नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशन दैट इम्पैक्टेड इंडिया’ में लिखा है कि कई बार संयम कमज़ोरी की निशानी होती है और भारत को 26/11 हमले के बाद कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी. इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि संप्रग सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रख दिया था.
कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद द्वारा अपनी किताब ‘सनराइज़ ओवर अयोध्याः नेशनहुड इन आर टाइम्स’ में कथित तौर पर ‘हिदुत्व’ की तुलना जिहादी आतंकी संगठनों से की गई है, जिसके बाद विवाद छिड़ गया है. भाजपा के अलावा ख़ुर्शीद को इस किताब के कारण अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा है.
दक्षिणपंथी समूह हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की किताब ‘सनराइज़ ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आवर टाइम्स’ पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करते हुए दावा किया है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले किताब लाने का उद्देश्य अल्पसंख्यकों का ध्रुवीकरण और वोट हासिल करना है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की नई किताब 'सनराइज़ ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आवर टाइम्स' में कथित तौर पर हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम जैसे कट्टरपंथी समूहों से की गई है, जिसे लेकर भाजपा और उनकी अपनी पार्टी के नेताओं ने आपत्ति दर्ज करवाई है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वे उनके राज्य में इस किताब पर प्रतिबंध लगवाएंगे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान ख़ुर्शीद की पुस्तक 'सनराइज़ ओवर अयोध्या- नेशनहुड इन अवर टाइम्स' का विमोचन करने के बाद कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का क़ानूनी आधार बहुत संकीर्ण है, लेकिन दोनों पक्षों ने इसे स्वीकार किया, इसलिए यह सही है. ऐसा नहीं है कि यह सही निर्णय था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान ख़ुर्शीद ने राजस्थान के स्थानीय निकायों में पार्टी के नवनिर्वाचित पार्षदों के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि ग़ैर-मुस्लिम हमेशा हमारी चिंताओं को उठाते रहे हैं.
कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले ग़ुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेता जम्मू कश्मीर में एक मंच पर एकत्र हुए. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस पार्टी को मज़बूत करने के लिए साथ आए हैं. हालांकि, पार्टी ने इन नेताओं को चुनावी राज्यों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने और वहां प्रचार करने की सलाह दी है.
बिहार चुनाव में कांग्रेस को मिली हार पर कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम के सवाल उठाने बाद कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि वे एक सुधारवादी के रूप में मुद्दे उठा रहे हैं, न कि विद्रोही के रूप में. इसके जवाब में सलमान खुर्शीद ने कहा कि यदि मतदाता उन उदारवादी मूल्यों को अहमियत नहीं दे रहे, जिनका हम संरक्षण कर रहे हैं तो लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए.
बिहार विधानसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन के बाद कपिल सिब्बल ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि अब लोग कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं. इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पार्टी के कामकाज से जो नाखुश हैं, वे सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करने के बजाय कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं.