रश्दी को उनके साहित्य ने ही ख़तरे में डाला, फिर उसी ने बचाया

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: सलमान रश्दी की हालिया किताब से एक बार फिर यह ज़ाहिर होता है कि उनका सबसे कारगर हथियार और सबसे विश्वसनीय कवच साहित्य ही रहा है, जहां उनकी भाषा और कल्पना सबसे टिकाऊ आश्रय पाती रही है.

सलमान रुश्दी के एक आंख की रोशनी गई, एक हाथ ने भी काम करना बंद किया: रिपोर्ट

पश्चिमी न्यूयॉर्क में बीते अगस्त महीने में एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने जा रहे 75 वर्षीय सलमान रुश्दी पर एक व्यक्ति ने चाकू से 10 से 12 बार वार किया था, जिससे वह गंभीर रूप से जख़्मी हो गए थे.

दो हफ्ते बाद भारत ने सलमान रुश्दी पर किए गए जानलेवा हमले की निंदा की

साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत हमेशा हिंसा और उग्रवाद के ख़िलाफ़ खड़ा रहा है. हम सलमान रुश्दी पर हुए भीषण हमले की निंदा करते हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.

सलमान रुश्दी के हमलावर ने बताया कि ‘द सैटेनिक वर्सेज़’ पूरी नहीं पढ़ी, कुछ पन्ने पढ़े हैं: रिपोर्ट

लेखक सलमान रुश्दी पर हमले के एक हफ्ते बाद शुक्रवार को उनके समर्थन में और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर उनके विचारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए उनके मित्र और साथी लेखक न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी में इकट्ठा हुए और द सैटेनिक वर्सेज़ समेत उनकी रचनाओं को पढ़ा.

सलमान रुश्दी की हालत में सुधार, बर्बर हमले की विभिन्न वर्गों ने की निंदा

अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर बीते 12 अगस्त को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक कार्यक्रम के दौरान चाकू से हमला कर बुरी तरह ज़ख़्मी कर दिया गया था. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत विश्व भर के लेखक, कार्यकर्ता, उनके संगठनों और प्रकाशकों ने इस हमले को बर्बर बताते हुए इसकी निंदा की है.

सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में कार्यक्रम के दौरान हमला, हालत नाज़ुक

मैन बुकर से सम्मानित अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में एक कार्यक्रम में अपना व्याख्यान शुरू करने वाले थे जब एक व्यक्ति ने मंच पर जाकर चाकू से उन पर हमला किया. उनके एजेंट के अनुसार, वे वेंटिलेटर पर हैं और उनकी स्थिति ठीक नहीं है. अपनी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज़’ लिखने के बाद वर्षों तक उन्हें इस्लामी चरमपंथियों से मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा है.

मार्गरेट एटवुड और बर्नार्डिन एवरिस्टो ने संयुक्त रूप से जीता 2019 का बुकर पुरस्कार

बुकर के नियमों के अनुसार इस पुरस्कार को बांटा नहीं जा सकता, लेकिन निर्णायक मंडल ने नियमों को तोड़ते हुए मार्गरेट एटवुड और बर्नार्डिन एवरिस्टो को संयुक्त विजेता घोषित किया. एवरिस्टो यह पुरस्कार पाने वाली पहली अश्वेत महिला हैं.