सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य और उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर आरोप लगाया कि वह पार्टी के अभियान से भटक चुके हैं और अपने व्यक्तिगत अभियान के तहत धन बटोरने के चक्कर में लगे हुए हैं.
यूपी के गोरखपुर के मियां बाज़ार, मुफ़्तीपुर, अलीनगर, तुर्कमानपुर, रसूलपुर, हुमायूंपुर उत्तरी, घोसीपुरवा, दाउदपुर, क़ाज़ीपुर खुर्द, चक्सा हुसैन जैसे वॉर्ड के नाम बदल दिए गए हैं. अब इलाहीबाग को बंधु सिंह नगर, इस्माइलपुर को साहबगंज और ज़ाफ़रा बाज़ार को आत्माराम नगर के नाम से जाना जाएगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की श्रेणी में शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2016 और 2019 में जारी अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें रद्द कर दिया. याचिका डॉ. बीआर आंबेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण, गोरखपुर और अन्य ने दायर की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था. इसके बाद से लगातार इसके जगह-जगह धंसने की ख़बरें आ रही हैं. विपक्ष ने योगी सरकार पर निधाना साधा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि एक्सप्रेसवे कुछ देर की बरसात झेल नहीं पाया. इससे लगता है कि इसके निर्माण में लूट नहीं, डकैती हुई है.
बीते 13 जुलाई को लखनऊ स्थित लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद ये गिरफ़्तारियां हुई हैं. गिरफ़्तार चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बीते 15 जुलाई को यहां हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. दो और लोगों को पूजा करने और एक व्यक्ति को नमाज़ पढ़ने के लिए गिरफ़्तार किया गया था.
सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर स्पष्ट किया कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बरक़रार है और वह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे हैं. सपा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है. सिन्हा की सात जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा द्वारा उन्हें आमंत्रित नहीं करने पर राजभर ने निराशा भी व्यक्त की है.
उत्तर प्रदेश की रामपुर और आज़मगढ़ लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मतदान के दौरान ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस मुस्लिम मतदाताओं को मतदान केंद्रों के अंदर प्रवेश करने से रोक रही है. मुख्य विपक्षी दल सपा ने भी उपचुनाव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किए हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा संसद भवन में बुलाई गई बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति जताई. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद एक संयुक्त बयान पढ़ते हुए कहा कि हमें खेद है मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.
लखनऊ के आशियाना इलाके का मामला है. ऑनलाइन आर्डर पर खाद्य सामग्री पहुंचाने वाली कंपनी जोमैटो के लिए काम करने वाले पीड़ित विनीत कुमार रावत ने आरोप लगाया कि एक घर के मालिक ने दलित होने के कारण उसके हाथों से खाना लेने से इनकार कर दिया और उसके चेहरे पर तंबाकू थूक दिया. उसके बाद करीब 12 अन्य लोगों के साथ उसे लाठियों से पीटा.
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों को एक बैठक में आमंत्रित किया था. बैठक में ऐसा साझा उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया गया, जो मोदी सरकार को भारत के सामाजिक ताने-बाने और लोकतंत्र को आगे और नुकसान पहुंचाने से रोके. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होने हैं.
पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बताया कि वह क़रीब 10 दिन पहले 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि 30-31 साल के रिश्ते को छोड़ना आसान नहीं होता. विभिन्न राज्यों से कांग्रेस नेताओं के इस्तीफ़ा देने का सिलसिला जारी है. इससे पहले हार्दिक पटेल, सुनील जाखड़, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह और अमरिंदर सिंह जैसे नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं.
विपक्ष ने योगी सरकार के उस कथित दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें अपात्र कार्डधारकों को अपना कार्ड लौटाने अन्यथा खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने दिशानिर्देशों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर तथाकथित अपात्र लोग ख़ुद राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आज़म ख़ान ने प्रेस वार्ता में बिना किसी का नाम लिए कहा कि उनकी जड़ों में ज़हर डालने वाले उनके अपने ही हैं.
इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि 13.842 हेक्टेयर की विवादित ज़मीन इमामुद्दीन क़ुरैशी नाम के व्यक्ति की थी, जो देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए और भारत की नागरिकता छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता ले ली. उनकी ज़मीन को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन सपा नेता ख़ान ने अन्य लोगों की मिलीभगत से उस भूखंड पर क़ब्ज़ा कर लिया था.
वीडियो: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने आज़म ख़ान से जेल में मुलाकात की और वही बात कही जो योगी आदित्यनाथ ने पहले कही थी कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपने नेता आज़म ख़ान के लिए कुछ करना चाहिए था. हालांकि इस बार उन्होंने अपने भाई मुलायम सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि नेताजी को लोकसभा में आज़म ख़ान की आवाज़ उठानी चाहिए थी.