संघ परिवार एक बार में पूरा एजेंडा सामने नहीं लाता: मोहन भागवत

एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जब 1925 में आरएसएस का गठन हुआ था, तब कोई नहीं जानता था कि असली एजेंडा क्या है. सभी को बताया गया कि इसका गठन हिंदुओं को एक छत के नीचे एकजुट करने के इरादे से किया गया था. रामजन्मभूमि जैसे मुद्दे हमारे पर्याप्त ताक़त हासिल करने के बाद ही सामने आए.

क्या रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा ने भाजपा को असल में दिग्विजयी बढ़त दिला दी है?

संघ परिवार के ‘विशेषज्ञों’ के अलावा भक्त मीडिया के कई स्वयंभू विश्लेषक मंदिर मुद्दे पर भाजपा की दिग्विजय पक्की बताते हुए दावा कर रहे हैं कि देश के विभिन्न अंचलों के श्रद्धालुओं को ‘भव्य’ राम मंदिर व ‘दिव्य’ अयोध्या का दर्शन कराकर पार्टी लोकसभा चुनाव तक उन्हें अपना मुरीद बना लेगी. लेकिन यह पूरा सच नहीं है.

बजरंग दल की हिंसा पर ख़बर के बाद इंदौर पुलिस ने पत्रकार से पूछताछ की

समाचार वेबसाइट स्क्रॉल के रिपोर्टर ज़फ़र आफ़ाक़ ने बीते दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर से एक रिपोर्ट की थी, जिसमें बजरंग दल के सदस्यों द्वारा मुस्लिम युवकों पर हमले और पुलिस कार्रवाई में भेदभाव की बात कही गई थी.

आरएसएस सवर्णों का संघ, प्रधानमंत्री मोदी बड़े नाटककार: सिद्धारमैया

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ‘उच्च जातियों का संघ’ क़रार देते हुए केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को नाटक बताया. उन्होंने कहा कि उनके वैचारिक नेताओं जैसे वीडी सावरकर, एमएस गोलवलकर और आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइज़र’ ने तिरंगे का विरोध किया था, उन्हें बेनक़ाब करना चाहिए.

वरवरा राव की नई किताब से प्रकाशक ने ‘हिंदुत्व, भगवाकरण, संघ परिवार’ जैसे शब्द हटाए: रिपोर्ट

एल्गार परिषद मामले में ज़मानत पर बाहर तेलुगू कवि वरवरा राव की नई किताब 'वरवरा राव: ए रिवोल्यूशनरी पोएट' का प्रकाशन पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा किया जा रहा है. यह राव द्वारा लिखी तेलुगू कविताओं का अंग्रेज़ी में अनूदित पहला संग्रह है.

संघ परिवार से जुड़े सात अमेरिकी हिंदुत्व समूहों ने दो दशकों में क़रीब 1,257 करोड़ रुपये ख़र्च किए

साउथ एशिया सिटीज़न वेब की एक हालिया रिपोर्ट में 24 अमेरिकी हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों की गतिविधियों का पता लगा है, जिनकी संपत्ति क़रीब 100 मिलियन डॉलर है.

कर्नाटक: शिवमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के बाद हिंसा भड़की, तीन गिरफ़्तार

कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल के 28 वर्षीय एक कार्यकर्ता की हत्या के बाद अंतिम संस्कार के दौरान हिंसा भड़क उठी और पत्थरबाजी एवं आगजनी की घटना हुई, जिसमें एक फोटो पत्रकार और महिला पुलिसकर्मी समेत तीन लोग घायल हो गए. राज्य के भाजपा नेताओं ने हत्या की निंदा की है और इसमें कुछ इस्लामी संगठनों की भूमिका का आरोप लगाते हुए मामले की एनआईए से कराए जाने की मांग की है.

केरल में माकपा कार्यकर्ता और कर्नाटक में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या

केरल के कन्नूर में घटना को लेकर माकपा ने आरोप लगाया है कि उसके कार्यकर्ता की आरएसएस-भाजपा के लोगों ने हत्या की है. हालांकि भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है. वहीं, कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल के 23 वर्षीय एक कार्यकर्ता की कथित तौर पर चाकू से गोदकर हत्या के बाद एहतियातन शहर में धारा 144 लागू की गई है.

केरल: सबरीमाला मंदिर के कपाट खोले गए, 10 महिलाओं को वापस भेजा गया

पुलिस ने बताया कि आंध्रप्रदेश से आए समूह में शामिल लोगों के पहचानपत्र की जांच की गई और प्रतिबंधित उम्र सीमा में होने की वजह से सबरीमाला में मौजूदा स्थिति की जानकारी देकर 10 युवा महिलाओं को वापस भेज दिया गया.

केरल: आज खुलेगा सबरीमाला मंदिर, सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने से किया इनकार

केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर के कपाट आज शाम 5 बजे के आसपास खोले जाएंगे. सुरक्षा की दृष्टि से भगवान अयप्पा के मंदिर में और उसके आस-पास 10 हजार से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

मोहन भागवत का भाषण: क्या आरएसएस का क़द मोदी-शाह के सामने छोटा पड़ गया है?

माना जाता है कि जब भी एनडीए सत्ता में आती है, इसकी डोर आरएसएस के हाथों में होती है. लेकिन 2019 के विजयादशमी भाषण के अधिकांश हिस्से में संघ प्रमुख मोहन भागवत का मोदी सरकार के बचाव में बोलना उनके घटते महत्व की ओर इशारा करता है.

भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का आरएसएस का सपना पूरा होने वाला है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बरसों से संजोया गया हिंदू राष्ट्र का सपना पूरा होने के बहुत करीब है, जिसके जश्न में अब भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा भी शामिल है.

सबरीमाला विवाद: केरल में दो दिनों में 1,369 लोग गिरफ़्तार, 100 से ज़्यादा लोग घायल

विरोध प्रदर्शन के चलते 1,369 लोगों की गिरफ़्तारी के अलावा 717 लोगों को हिरासत में लिया गया और 801 केस भी दर्ज किए जा चुके हैं.

आठ साल की बच्ची के साथ हुई वहशियाना हरकत दिखाती है कि हम नीचता की किन गहराइयों में डूब चुके हैं

प्रधानमंत्री के नाम लिखे एक पत्र में रिटायर्ड नौकरशाहों ने कहा कि यह पत्र केवल सामूहिक शर्म या अपनी पीड़ा को आवाज़ देने के लिए नहीं बल्कि सामाजिक जीवन में ज़बरदस्ती घुसा दिए गए घृणा और विभाजन के एजेंडा के ख़िलाफ़ लिखा गया है.