वीडियो: मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ आंदोलन का प्रमुख चेहरा हैं. द वायर संवाद में उनके चालीस साल के संघर्ष, विस्थापित लोगों के जीवन, मुआवज़े के झूठ और गुजरात की कुछ कंपनियों को सरदार सरोवर परियोजना से अधिक लाभ मिलने के बारे में उनसे आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.
इसी महीने में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध का पानी ओवरफ्लो हो गया था, जिससे भरूच, नर्मदा, वडोदरा, पंचमहल और दाहोद जिलों में बाढ़ आ गई थी. आरोप है कि बीते 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन पर उन्हें ‘खुश’ करने के लिए बांध में पानी को दो दिन तक रोककर रखा गया था, जिसे एक साथ छोड़े जाने के कारण बाढ़ आ गई.
गुजरात के विपक्षी दलों का आरोप है कि बीते 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन पर उन्हें ‘खुश’ करने के लिए सरदार सरोवर बांध में नर्मदा नदी के पानी को दो दिन तक रोककर रखा गया था. इसके बाद क़रीब 18 लाख क्यूसेक पानी एक साथ छोड़े जाने के कारण राज्य के पांच ज़िलों में बाढ़ आ गई.
'विकास' परियोजनाओं के नाम पर जबरन बेदखल किए जाने पर अपने वजूद और प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखने के लिए लड़ने वालों को जब नरेंद्र मोदी 'अर्बन नक्सल' कहते हैं तो वे इनके संघर्षों का अपमान तो करते ही हैं, साथ ही परियोजना में हुई देरी के लिए ज़िम्मेदार सरकारी वजहों को भी नज़रअंदाज़ कर देते हैं.
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा कस्बे के निकट विरोध प्रदर्शन किया.
बीते दिनों नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पुनर्वास आयुक्त ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकारा कि विस्थापितों और प्रभावितों के आकलन में ‘टोपो शीट’ पर पेंसिल से निशान लगाने की पद्धति का इस्तेमाल किया गया. बोलचाल में नजरिया सर्वे कही जाने वाली इस तरकीब में अंदाज़े से डूबने वाली हर चीज और जीती-जागती इंसानी बसाहटों को चिह्नित कर विस्थापित घोषित कर दिया गया था.
सरदार सरोवर बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से नर्मदा का जलस्तर 31 फुट से ऊपर पहुंच चुका है, जो ख़तरे के निशान से तीन फुट ज़्यादा है.
सरदार सरोवर बांध में बारिश का पानी भरने से मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी में बसे 192 गांव और एक कस्बे के डूबने का ख़तरा है. इससे लगभग 32 हज़ार लोग प्रभावित होंगे. सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों के बावजूद यहां रहने वाले लोग आज भी पुनर्वास का बाट जोह रहे हैं.
नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के छोटा बड़दा गांव में यह अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया है. पाटकर ने कहा कि पुनर्वास का मतलब प्रभावित परिवार को सिर्फ मुआवज़ा देना नहीं बल्कि उन्हें आजीविका भी दी जानी चाहिए.
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए मध्य प्रदेश के ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.
गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊंची प्रतिमा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 31 अक्टूबर को उसका उद्घाटन किया था.
सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के नर्मदा ज़िले के केवड़िया में उनकी 182 फुट ऊंची प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया अनावरण. 72 गांवों के क़रीब 75,000 आदिवासी प्रतिमा के अनावरण का विरोध करने को कहा था.
कांग्रेस ने कहा किसानों को छल रही है वसुंधरा सरकार. ओडिशा में किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा का प्रदर्शन.
मेधा ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान की शपथ ली है ,वे ही संविधान के मूल्यों के खिलाफ काम कर रहे हैं. ऐसे में जनांदोलनों से जुड़े लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है.
सरदार सरोवर बांध परियोजना में दशकों बाद विस्थापितों का पुनर्वास न होने और पुनर्वास में भ्रष्टाचार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर से बातचीत.