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सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने बताया कि कंपनी ने दिसंबर 2021 से कोविशील्ड टीके का उत्पादन बंद कर दिया है और उस समय उपलब्ध कुल भंडार में से लगभग 10 करोड़ खुराक एक्सपायरी डेट निकलने के चलते फेंक दी गईं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 2020 में ही भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 8.30 लाख लोगों की मौत हुई. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव का विश्लेषण बताता है कि इन अनुमानों को तथ्यों से परे बताकर ख़ारिज करने के लिए केंद्र सरकार ने जिन आंकड़ों का इस्तेमाल किया, उनकी विश्वसनीयता भी संदिग्ध है.
देश में कोविड-19 से हुई कुल मौतों के आंकड़े पर डब्ल्यूएचओ समेत कई स्वतंत्र विशेषज्ञों और संगठनों द्वारा सवाल उठाए जाने के बीच रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने साल 2020 का नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) डेटा जारी किया है. इसके अनुसार 2020 में देश में 81.2 लाख लोगों की मौत हुई और यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 6.2 प्रतिशत अधिक है.
जनवरी की शुरुआत तक राजस्थान, झारखंड, आंध्र प्रदेश में कोविड-19 से हुई अतिरिक्त यानी आधिकारिक आंकड़े से ज़्यादा मौतें, सरकारी संख्या से 12 गुना से अधिक थीं. रिकॉर्ड के बेतरतीब रखरखाव और लालफीताशाही के कारण हज़ारों परिवार मुआवज़े से वंचित हो सकते हैं.
राज्य की 170 नगर पालिकाओं में से 68 के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि मार्च 2020 और अप्रैल 2021 के बीच 16,892 'अतिरिक्त मौतें' हुईं. यदि पूरे राज्य के लिए इसी आंकड़े को विस्तारित करें तो इसका अर्थ होगा कि गुजरात में कोविड से हुई वास्तविक मौतों का आंकड़ा कम से कम 2.81 लाख है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 मामले 12 राज्यों में सामने आए हैं और उनमें से सबसे अधिक 22 मामले महाराष्ट्र से आए हैं. सरकार ने ज़ोर दिया कि कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन टीके सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा स्वरूपों के विरूद्ध प्रभावी हैं. वहीं, असम और महाराष्ट्र में डेल्टा स्वरूप से एक-एक मरीज़ की मौत होने की पुष्टि हुई है.
भारत में केरल के एक चिकित्सा केंद्र से सात मामले सामने आए हैं, जहां करीब 12 लाख लोगों को एस्ट्राज़ेनेका टीके दिए गए थे. भारत में इस टीके को कोविशील्ड कहा जाता है. ब्रिटेन के नॉटिंघम में इस प्रकार के चार मामले सामने आए हैं. गुलेन-बैरे सिंड्रोम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने तंत्रिका तंत्र के एक हिस्से पर हमला करती है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बाहर स्थित तंत्रिकाओं का नेटवर्क है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 15 अप्रैल तक 13,614 नमूनों की जांच संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूजीएस) के लिए 10 नामित आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में में की गई. इनमें से 1,189 नमूने सार्स-सीओवी-2 के चिंताजनक स्वरूपों से संक्रमित पाए गए. जिनमें ब्रिटिश स्वरूप के 1,109 नमूने, दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के 79 नमूने और ब्राजीलियाई स्वरूप का एक नमूने शामिल हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मिले कोविड-19 के 10,787 संक्रमित नमूनों में से 771 मामले चिंताजनक स्वरूप ‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ (वीओसी) के मिले हैं. इसके अलावा दोहरे उत्परिवर्तन (डबल म्यूटेंट) वाला स्वरूप भी मिला है. हालांकि अब तक यह स्थापित नहीं हो पाया है कि मामलों में फ़िर से वृद्धि के लिए ये स्वरूप ज़िम्मेदार हैं.