सत्ताधारियों को कॉमेडी और व्यंग्य से इतनी परेशानी क्यों है

किंग लियर यूं तो किसी की आलोचना को बर्दाश्त नहीं करता था, मगर उसने एक दरबारी विदूषक को कुछ भी कहने की इजाज़त दे रखी थी. आज के भारत में ऐसा होने की भी गुंजाइश नहीं है. हमारे लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए, मगर उतने ही तानाशाह नेता अपने आसपास सच बोलने वाले किसी मसखरे की अपेक्षा चाटुकारों और चारणों को पसंद करते हैं.

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री पर व्यंग्य करने वाले शो को लेकर चैनल को नोटिस भेजा

बीते 15 जनवरी को ज़ी तमिल पर प्रसारित हुए जूनियर सुपर स्टार्स सीजन-4 में बाल कलाकारों ने नोटबंदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरों, उनके पहनावे और विनिवेश को लेकर व्यंग्य करता परफॉरमेंस दिया था. इससे नाराज़ भाजपा की तमिलनाडु इकाई ने चैनल से शो को ऑफ एयर करते हुए माफ़ी मांगने को कहा था.