‘भरोसा किया था हमने अवाम औ’ ज़िंदगी पर और उन्होंने मायूस न किया हमें’

'इत्मीनान' शीर्षक की यह कविता ग्वाटेमाला के क्रांतिकारी कवि ओतो रेने कास्तियो ने लिखी थी, जिन्हें ग्वाटेमाला की फौज ने 19 मार्च 1967 को जान से मार दिया था.