वीडियो: बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने लखनऊ में एक विशेष इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान से कहा कि यह सोचना ग़लत है कि उत्तर प्रदेश में बसपा हार चुकी है और चुनाव से बाहर है.
बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि पार्टी प्रमुख मायावती ने फिलहाल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. प्रदेश की सभी 403 सीटों पर बसपा बिना किसी गठबंधन के प्रत्याशी उतारेगी.
बसपा प्रमुख मायावती ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का समर्थन किया और घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो राज्य में तीनों विवादास्पद कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा.
जब भी धर्मनिरपेक्षता को चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखाकर मुकाबले को असली-नकली, सच्चे-झूठे, सॉफ्ट या हार्ड हिंदुत्व के बीच सीमित किया जाता है, उसका कट्टर स्वरूप ही जीतता है. उत्तर प्रदेश में बसपा को इस एजेंडा पर आगे बढ़ने से पहले पिछले उदाहरणों को देखना चाहिए.
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों का नाम पूछकर पुलिसकर्मियों द्वारा उनकी हत्या की जा रही है. उन्होंने कहा कि कानपुर के बिकरू कांड में सरकार का ब्राह्मण विरोधी चेहरा पूरी तरह बेनक़ाब हो चुका है. वहां न कोई अदालत थी, न कोई क़ानून, सीधे गोली मारकर फ़ैसला किया गया. अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र बसपा उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को लुभाने के लिए लगातार सम्मेलन कर रही है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट बताया था. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए दलित वोट संगठित रहना चाहिए और उनका संगठन सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करेगा.