एक कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली पर अभी उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है. इस प्रणाली का उद्देश्य आज़ादी को बनाए रखना था, जो कि एक प्रमुख मूल्य है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने भी शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए इसे ‘आदर्श प्रणाली’ बताया.
वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफ़ारिश की गई है, की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद आई है कि उनकी नियुक्ति पर सरकार की एक आपत्ति यह थी कि 'समलैंगिक अधिकारों के प्रति उनके झुकाव' के चलते पूर्वाग्रहों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफ़ारिश दोहराने के साथ ही कॉलेजियम ने सोमशेखर सुंदरेशन को बॉम्बे हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने को लेकर केंद्र द्वारा उनकी 'सोशल मीडिया पोस्ट्स' को लेकर दर्ज करवाई गई आपत्ति को भी ख़ारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है, जो उनके यौन झुकाव के कारण विवाद का विषय था, लेकिन पदोन्नति केंद्र की सहमति के अधीन होगी. केंद्र अगर अनुमति देता है तो वह देश के किसी हाईकोर्ट के पहले समलैंगिक न्यायाधीश बन सकते हैं.