अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले एससी/एसटी छात्रों को पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप दी जाती है, जिसका मक़सद कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक के छात्रों की मदद करना है. 2018-19 की कैग रिपोर्ट के मुताबिक़, राज्य सरकार ने वज़ीफ़े के लिए निर्धारित राशि में से कई करोड़ रुपये विभिन्न प्रोजेक्ट में खर्च किए. लंबे समय से राज्य सरकार छात्रवृत्ति न देने की वजह फंड की कमी बता रही थी.