राज्य स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि शिक्षक अपने पहनावे को लेकर सतर्क रहें, क्योंकि इसका असर बच्चों पर पड़ता है.
बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों में से कुछ ने कहीं और नौकरी करने के लिए इस्तीफ़ा दिया है और ज़्यादातर ने कथित तौर पर पिछले छह महीनों में बिहार शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा शुरू किए गए सुधारों के कारण नौकरी छोड़ी है. शिक्षकों के इस्तीफ़े का एक अन्य कारण ग्रामीण और दूरस्थ पोस्टिंग भी है.
इन 256 लोगों को अरुणाचल प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा 2018 और इस साल की शुरुआत के बीच शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. सबसे अधिक 101 कर्मचारियों को सियांग ज़िले में बर्ख़ास्त किया गया है. इसके बाद चांगलांग ज़िले में 72 और अंजाव ज़िले में 26 कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया गया है.
असम सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक शिक्षक से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सभी प्रकार की शालीनता का उदाहरण होने की उम्मीद की जाती है, इसलिए ड्रेस कोड का पालन करना आवश्यक हो गया है. सभी शिक्षकों को भड़कीले न दिखने वाले सादा रंगों के साफ, सभ्य और शालीन कपड़े पहनने होंगे.
केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक आदेश में कहा है कि राज्य के सभी स्कूलों में ‘टीचर’ संबोधन का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए जाएं. आयोग ने कहा कि ‘सर’ या ‘मैडम’ के बजाय ‘टीचर’ कहने से सभी स्कूलों के बच्चों के बीच समानता बनाए रखने में मदद मिल सकती है और शिक्षकों के प्रति उनका लगाव भी बढ़ेगा.
त्रिपुरा में 10 हज़ार से अधिक स्कूली शिक्षकों को 2017 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद नौकरी से हटा दिया गया था, वे लगभग दो महीने से राजधानी अगरतला में आमरण अनशन कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के बेहजम में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का मामला. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि दोनों शिक्षकों के ख़िलाफ़ स्थानीय थाने में एफ़आईआर दर्ज करा दी है. पूरे मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई गई है.
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा कि क़रीब 500 या इससे अधिक लोगों ने बडगाम, अनंतनाग और पुलवामा जैसे इलाकों को छोड़कर जाना शुरू कर दिया है. कुछ ग़ैर कश्मीरी पंडित परिवार भी चले गए हैं. यह साल 1990 का दोहराव है. इस संबंध में हमने जून में उपराज्यपाल कार्यालय से मिलने का अनुरोध किया था, लेकिन अब तक वक़्त नहीं दिया गया. जम्मू कश्मीर में बीते छह दिनों में सात नागरिकों की हत्या हुई है.
जम्मू कश्मीर में बीते पांच दिनों सात नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से छह श्रीनगर में हुईं. मृतकों में से चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, आतंकवादियों ने 2021 में अब तक 28 नागरिकों की हत्या की है. अभी तक 97 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 71 सुरक्षा बलों पर और 26 नागरिकों पर हुए हैं.
पिछले तीन दिनों में कश्मीर में नागरिकों की हत्या की यह पांचवीं घटना है, जिनमें से चार श्रीनगर में ही हुईं. बीते पांच अक्टूबर को जम्मू कश्मीर में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा एक प्रमुख कश्मीरी पंडित व्यवसायी पेशे से केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी.
केंद्र सरकार द्वारा शिक्षकों का लंबित वेतन जारी करने में कथित देरी के विरोध में यह पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया गया है. पिछले पांच महीने से शिक्षकों का वेतन लंबित है.