बिहार के आरा में सलेमपुर गांव स्थित एक स्कूल में गुरुवार दोपहर बच्चों को फाइलेरिया की दवा खिलाई गई थी. दवा खाने के कुछ देर बाद ही एक-एक करके बच्चे बीमार पड़ने लगे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.
कृष्णागिरी ज़िले के बरगुर में फ़र्ज़ी एनसीसी कैंप में कम से कम 13 छात्राओं के कथित यौन शोषण और एक से बलात्कार का मामला सामने आया था. पुलिस का कहना है कि यौन उत्पीड़न के मुख्य संदिग्ध ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली और एक दिन पहले उसके पिता एक सड़क दुर्घटना में गुज़र गए.
तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एक फ़र्ज़ी एनसीसी कैंप आयोजित कर इसमें शामिल हुई कम से कम 13 छात्राओं का कथित तौर पर यौन शोषण किया गया और एक से बलात्कार हुआ. स्कूल को जब इस बारे में सूचित किया गया तो उसने पुलिस के पास न जाकर मामले को दबाने का प्रयास किया.
राजस्थान के अलवर ज़िले का मामला. शिकायत के अनुसार, घटना शनिवार को हुई, जब गांव के सरकारी स्कूल का कक्षा 4 का छात्र स्कूल परिसर में स्थित हैंडपंप पर पानी पीने गया, जहां पानी भर रहे कथित ऊंची जाति के एक व्यक्ति ने लड़के ने बाल्टी छूने पर उसे बेरहमी से पीटा.
मामला आगरा ज़िले के अतर सिंह इंटर कॉलेज का है. बताया गया है कि 12वीं का पेपर शुरू होने के घंटेभर बाद कथित तौर पर एक वॉट्सऐप ग्रुप पर गणित और जीव विज्ञान के प्रश्न पत्र साझा किए गए. पुलिस ने कॉलेज के प्रबंधक व प्रिंसिपल, उनके बेटे, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है.
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (असर-2023) के अनुसार, सर्वे में शामिल आधे से अधिक बच्चे भाग के सवालों से जूझते हैं. 14-18 साल के केवल 43.3 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे सवालों को सही ढंग से कर पाते हैं. लगभग 85 प्रतिशत बच्चे प्रारंभिक बिंदु ज़ीरो सेंटीमीटर होने पर स्केल से लंबाई माप सकते हैं, लेकिन इसमें बदलाव होने पर अनुपात तेज़ी से गिर जाता है.
कोलार ज़िले के यलुवहल्ली में मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालय में कथित तौर पर सातवीं से नवीं कक्षा के पांच-छह छात्रों को प्रिंसिपल और एक शिक्षक की उपस्थिति में सेप्टिक टैंक में उतरकर इसे साफ करने के लिए मजबूर किया गया. अब प्रिंसिपल समेत पांच स्टाफ सदस्यों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है.
उत्तर प्रदेश के बहराइच शहर के एक स्कूल का मामला. आरोप है कि कक्षा 9 की छमाही परीक्षा के हिंदी के पेपर में विभिन्न आतंकी संगठनों के नाम के साथ भारतीय मुस्लिमों को जोड़ दिया गया था, जिसके बाद स्थानीय मुसलमानों ने स्कूल प्रबंधन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. प्रबंधन ने माफ़ी मांगते हुए पेपर तैयार करने वाली शिक्षक को कार्यमुक्त कर दिया है.
अगस्त 2021 में कर्नाटक उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया था. हालांकि, मई में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसे ख़त्म करने का वादा किया था.
बजरंग दल ने दरांग ज़िले के महर्षि विद्या मंदिर स्कूल में पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर 350 युवाओं को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया था. विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने इस बारे ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बजरंग दल के ख़िलाफ़ कार्रवाई और ज़िला प्रशासन की भूमिका की जांच की मांग की है.
मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले के तोरबुंग बाज़ार में सशस्त्र उपद्रवियों ने कम से कम 10 ख़ाली घरों और एक स्कूल को जला दिया. हमले के दौरान कथित तौर पर मानव ढाल के रूप में काम करने वाली सैकड़ों महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने कई राउंड फायरिंग की और देसी बम फेंके थे.
घटना धनबाद ज़िले की है, जहां तेतुलमारी स्थित सेंट ज़ेवियर्स स्कूल की दसवीं की छात्रा को स्कूल में बिंदी लगाने पर एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर थप्पड़ मारा गया था. बताया गया है कि छात्रा के सुसाइड नोट में शिक्षक और स्कूल प्रिंसिपल को ज़िम्मेदार बताया गया है.
घटना कच्छ ज़िले के मुंद्रा के एक निजी स्कूल की है, जहां ईद के मौक़े पर भाईचारे का संदेश देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा एक नाटक किया गया था. इसमें कुछ छात्रों ने टोपी पहनी हुई थी, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद अभिभावकों और दक्षिणपंथी संगठनों ने इसका विरोध करते हुए स्कूल में हंगामा किया था.
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सावरकर महान क्रांतिकारियों में से एक हैं. उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया. दुर्भाग्य से कांग्रेस ने भारत के सच्चे क्रांतिकारियों के बारे में नहीं सिखाया. विदेशी क्रांतिकारियों को महान कहा गया, लेकिन हमारे अपने देशभक्त को नहीं.
यूपी बोर्ड ने अपने नए पाठ्यक्रम में हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय समेत 50 महान हस्तियों की जीवनियां शामिल की है. नेहरू को बाहर करने के फैसले का बचाव करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति नहीं दी थी, इसलिए उन्हें पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया गया.